ऐसा नहीं फ़िरोज़ गाँधी कॉन्ग्रेसी नहीं थे या राजनीति में उनकी हिस्सेदारी नहीं थी। गाँधी परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली के पहले सांसद वही थे। फिर, बात-बात में नेहरू, इंदिरा और राजीव का नाम लेने वाले कॉन्ग्रेसी और उनका अगुआ शीर्ष परिवार फिरोज का नाम लेने से क्यों डरता है?
संभल स्थित कल्कि धाम के पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णन कॉन्ग्रेस की सभाओं में भी काफ़ी सक्रिय रहते हैं और यूपी में उन्हें पार्टी का आध्यात्मिक चेहरा माना जाता है। लेकिन, वह केवल बेढंगे और बेतुके बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।
"मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का स्पष्ट कहना है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को बहुत प्रताड़ित किया गया है। उनको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की ट्रांसफर पोस्टिंग का अच्छे से ख्याल रखा जाए।"
एजेंसी ने अदालत को बताया कि समन जारी किए जाने के बाद शिवकुमार हाजिर तो हुए लेकिन वह प्रश्नों का जवाब देने की बजाय टालमटोल करते रहे। ईडी के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया। शिवकुमार ने जानबूझ कर जाँच प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश की।
प्रवीण चक्रवर्ती इससे पहले भी कॉन्ग्रेस डेटा सेल में रह चुके हैं। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन पर तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को ग़लत जानकारियाँ देने का आरोप लगा था। कॉन्ग्रेस का तो ये तक सोचना था कि प्रवीण चक्रवर्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमी हैं।
थरूर ने अपनी पार्टी को इस बात पर विचार करने की सलाह दी कि आख़िर इन वोटरों ने कॉन्ग्रेस से नाता क्यों तोड़ लिया? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि जब तक हम ये नहीं पता लगाएँगे कि हमारे वोटर हमें छोड़ कर क्यों चले गए, हम उन्हें वापस अपने पाले में लाने में कैसे कामयाब होंगे?
चिदंबर और शिवकुमार की गिरफ्तारियों का हवाला देते हुए रावत ने कहा कि अगर उनके बुढ़ापे में जेल जाने से उनकी पार्टी को फायदा होता है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। हरीश रावत उत्तराखंड कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई 'Prevention of Money Laundering Act (PMLA)' के तहत की है। लगातार 4 दिनों तक चली मैराथन पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ़्तार किया है।
नंदकुमार बघेल ने कहा कि दूसरे राज्यों के अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे हैं। इन अधिकारियों को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह आए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व टीएस सिंहदेव को चाहिए कि ऐसे अकड़बाज अधिकारियों को तत्काल बाहर निकालें।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं के बयानों के खिलाफ़ जाकर बयान दिया। खुर्शीद ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके काम में अच्छाई ढूँढना भूसे के ढेर में सुई को ढूँढने जैसा है।