सीमा रिजवी पर जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी (JCC) के कुछ सदस्यों द्वारा हमला किया गया। उनकी बेटी को किडनैप करने की धमकी दी गई। उन लोगों ने यह धमकी इसलिए दी, क्योंकि उन्होंने CAA विरोधी प्रदर्शन की वीडियो फेसबुक पर डाल दी थी।
जब पुलिस जाँच के लिए सीसीटीवी फुटेज लेने पहुँची, तब छात्रों ने हंगामा किया और पुलिस को वो फुटेज नहीं लेने दिया। आख़िर जामिया के छात्र क्या छिपाना चाहते थे? हमारे कुछ और भी सवाल हैं, जो इस वीडियो को देखने के बाद उभरते हैं। देखिए पूरा वीडियो, जो आपसे छिपाया गया ।
वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो 'आजादी' के नारे लगा रहे हैं। ये वीडियो राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास का बताया जा रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है जब एक बच्चा कहता है, "हम क्या चाहते" और उसके पीछे-पीछे खुर्शीद कहते हैं, "आजादी"
"मौके पर गोली के खाली राउंड नहीं मिले हैं। इसके अलावा, कथित हमलावर किस गाड़ी से आए थे इस पर लोगों के अलग-अलग बयान हैं। कुछ का कहना कि वे एक स्कूटर पर आए थे कुछ उसे फोर व्हीलर बता रहे थे।"
इसमें लिखा था - कार्टून प्रोग्राम छोटा भीम के क्रिएटर अब गाय की जर्नी पर एक एनिमिटेड फिल्म बनाएँगे। इसको शेयर करते हुए शादाब ने लिखा, “डिसक्लेमर: इसका थीम सॉन्ग ये होगा- गौ-मूत्र धूम मचाए, सामने कोई टिक न पाए, गौ माँ, गौ माँ, लिंचिंग वाली गौ माँ।”
आम तौर पर आप देखेंगे कि पुलवामा में 40 सीआरपीएफ जवानों को उड़ाने वाले आदिल अहमद डार जैसे आदमी के साथ भी रवीश जैसा मीडिया एक अलग तरीके से ट्रीटमेंट करता है।
मजिस्ट्रेट ने उसकी माँग को मंजूरी देते हुए उसे किताबें मुहैया करवाने का आदेश दिया। जज ने नाबालिग छात्र से ट्यूशन पढ़ने के लिए भी पूछा था, जिसका नाबालिग छात्र ने कोई जवाब नही दिया। नाबालिग छात्र की सेवा कुटीर में कॉउन्सिलिंग भी की जाएगी।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने जामिया हिंसा मामले में आरोपित इलियास को गिरफ्तार कर लिया है। ज्ञात हो कि यह गिरफ्तारी दिसंबर 13, 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास के क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले में हुई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और कमिश्नर को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार इस तरह की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी।
गुलशन (बदला हुआ नाम) के नाम के इस अकाउंट को इसी साल जनवरी से एक्टिव किया गया है। इससे पहले साल 2019 में एक कवर फोटो अपलोड हुई थी। और साल 2018 के कोई भी पोस्ट विजिबल नहीं हैं। जिससे इस पूरी प्रोफाइल पर संदिग्धता बनी हुई हैं।