सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अजित पवार ने 22 नवंबर को पत्र दिया था। पत्र में कहा गया था कि एनसीपी के सभी 54 विधायकों ने उन्हें नेता चुना है और सरकार बनाने के लिए अधिकृत किया है।
भाजपा ने अपने सबसे बड़े तुरुप के इक्के को आगे कर दिया है। बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। एक ऐसा नेता, जिसके दोस्त सभी पार्टियों में हैं। हाँ, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और कॉन्ग्रेस के अशोक चव्हाण से उनकी व्यक्तिगत खुन्नस है। वो निकल गए हैं, फडणवीस के लिए समर्थन जुटाने। उनके 4 उसूल हैं- साम. दाम, दंड और भेद।
उद्धव ठाकरे को न सिर्फ़ अपनी पार्टी बल्कि कॉन्ग्रेस और एनसीपी की भी चिंता सता रही है। वह मातोश्री से निकल कर ललित होटल में रुके शिवसेना विधायकों से मिलने पहुँचे। उससे पहले वो पोवई में स्थित आरएमसी सेंटर पहुँचे, जहाँ एनसीपी के विधायकों को ठहराया गया है।
एनसीपी नेता अजित पवार के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार की सुबह शपथ ली। पवार उपमुख्यमंत्री बने हैं। इसे शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हट गया और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार एनसीपी के एक धड़े के साथ भाजपा से जा मिले और डिप्टी सीएम बने। कब, क्या और कैसे हुआ, पल-पल की कहानी।
शनिवार को शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस के नेताओं की ओर से महाराष्ट्र में नई सरकार का ऐलान होना था। लेकिन किसी को नहीं पता था कि शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी तीन दिवसीय दिल्ली यात्रा रद्द कर दी थी क्योंकि...
महाराष्ट्र में अब तक राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP), कॉन्ग्रेस और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर कोशिशें की जा रही थी। इसके लिए 22 नवंबर को तीनों पार्टियों के बीच दो घंटे तक बैठक भी हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी लेकिन...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएँ दी हैं। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य को लेकर भरोसा जताया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।