"मेरे दस्तावेज़ों को 2000 में मेरी माँ द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने भारत में कई वर्षों तक मेरी परवरिश एकल माँ के रूप में की। मेरे माता-पिता की शादी नहीं हुई थी। कोई भी सभ्य सरकार जो प्रतिशोध नहीं लेना चाहती थी, वो आगे आ सकती थी और लापता दस्तावेज़ों या किसी विसंगति के बारे में स्पष्टीकरण माँग सकती थी।"
बिरेन सिंह ने कहा "यह केंद्र सरकार के माध्यम से किया जाएगा। असम यह उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कर रहा है। इसलिए हम केंद्र सरकार से इसे करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं।"
जब राजदीप कहते हैं कि 19 लाख लोगों को लिस्ट से.... उसी समय सौरभ द्विवेदी ऊँगली उठाकर बेहद दार्शनिक मुद्रा में और पूरे आत्मविश्वास के साथ राजदीप सरदेसाई को 'सही' करते हुए कहते हैं 'इकतालीस लाख..' इतना सुनते ही राजदीप एक कदम और आगे जाते हुए कहते हैं- "हाँ....हाँ वही इकतालीस लाख, उन्नीस लाख को मिलाकर।
अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेज़ों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
कजरी घोष दत्ता का कहना है कि जब उन्होंने एनआरसी ड्राफ्ट में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया, तो अधिकारियों ने उनसे रिश्वत के तौर पर 10 हजार रुपए माँगे।
मतुआ समुदाय की मार्गदर्शिका वीणापाणि देवी ठाकुर के निधन के साथ ही बंगाल का चुनावी गणित बदलता नज़र आ रहा है। एक पत्र में उन्होंने नागरिकता विधेयक को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की थी। 1.5 करोड़ की जनसंख्या वाला मतुआ समुदाय वैष्णव सम्प्रदाय का हिस्सा है।
पीएम ने कहा कि चाहे वो पाकिस्तान से आए हों, अफगानिस्तान से या फिर बांग्लादेश से... जो अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई हैं, उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है।
बीजेपी नेता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उन पर लाठियाँ और लातें बरसाईं लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया। भीड़ के उपद्रव से बचने के लिए जब उन्होंने भागने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों द्वारा उनका पीछा किए जाने की वजह से वो गिर गए।