कश्मीरी पंडितों के लिए मार्च के 2 साल बाद ही 1992 में वो राम मंदिर आंदोलन के दौरान जेल गए थे। वो 27 साल की उम्र में अटारी गाँव के सरपंच भी चुने गए और दो बार सरपंच रहे।
इन 9 नामों ने विपक्षी गठबंधन की हिंदुओं की एकता को खंडित करने की साजिश को एक झटके में चकनाचूर कर दिया है। राम मंदिर के उद्घाटन से पहले सोशल इंजीनियरिंग।