भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।
"शरदराव पवार समझ जाते हैं कि हवा का रुख किस तरफ है। शरदराव एक चतुर राजनेता हैं, जिन्होंने बदली परिस्थितियों को भाँप लिया है। वह कभी भी ऐसी किसी चीज में शामिल नहीं होते, जो उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुँचाए।"
हरविंदर ने दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी सेंटर में एक कार्यक्रम से लौट रहे पवार को 2011 में थप्पड़ जड़ दिया था। इस घटना से कुछ ही दिन पहले उसने पूर्व मंत्री सुखराम पर भी हमला बोला था।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से स्पष्ट है कि शिवसेना ने हिंदुत्व के एजेंडे पर समझौता किया है। वह वीर सावरकर को भारत रत्न देने की माँग से पीछे हट गई है। मुस्लिमों को अतिरिक्त आरक्षण पर भी उसे आपत्ति नहीं रही।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने याद दिलाया कि कैसे शिवसेना ने भाजपा के 'बुरे दिनों' में भी उसका साथ दिया था। उद्धव ने स्पष्ट किया कि भाजपा उनके पास रोज नए ऑफर लेकर आ रही है और अभी भी गठजोड़ की उम्मीद है।
कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को कहा है कि अगर महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस सरकार में शामिल होने में विफल रहती है तो राज्य में पार्टी का अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा। हालाँकि, कॉन्ग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के विधायकों की राय का विरोध किया और...
शिव सेना भले ही कपिल सिब्बल के साथ अपना इतिहास भूल गई हो लेकिन लोगों को याद है। और वे मज़े लेकर उसे भी याद दिला रहे हैं। बस 5 साल पहले शिव सेना ने कपिल सिब्बल को 'शराब पीकर उत्पात मचाने वाला बंदर' कहा था।
"विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं। राष्ट्रपति संविधान की सर्वोच्च संस्था हैं। वे व्यक्ति नहीं बल्कि देश हैं। देश किसी की जेब में नहीं है।"
चारों मुख्य पार्टियों भाजपा, कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में सबसे कम यानी केवल 44 विधायक कॉन्ग्रेस के जीते हैं, और राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन से पहले की मीटिंग में न बुलाने पर बिफ़र ऐसे रहे हैं मानो बैठक में होते तो दावा सीएम की दावेदारी का पेश कर देते!
"कॉन्ग्रेस हमेशा ही देश से पहले पार्टी को तवज्जो देती है। कॉन्ग्रेस, बीजेपी को महाराष्ट्र ‘थाली में सजाकर’ दे रही है। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कॉन्ग्रेस की शिथिलता से सिद्ध हो गया कि कॉन्ग्रेस के खात्मे का समय आ गया है।"