महिला डर कर उनके साथ सूरजपुर के अदालती परिसर गई तो वहाँ उससे उन कागजों पर जबरन साइन कराया गया जिसमें लिखा था कि वह स्वेच्छा से ₹50000 के बदले इस संबंध से अलग हो रही है। इस दौरान आरोपित शौहर महबूब के साथ उसके दो भाई भी थे।
आरोपित डीपीएस राठौड़ और स्थानीय नेता अजीत सिंह सबूत के बदले चिन्मयानन्द से सवा करोड़ रुपये माँग रहे थे। इस मामले में यूपी पुलिस की एसआईटी ने आरोपितों पर आईपीसी की धारा 385(रंगदारी) , 506 (धमकी देने) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
इलाके में करीब 600 घरों में से 65%, यानी 400 के आस-पास समुदाय विशेष के हैं। कथित तौर पर बलात्कारियों ने पीड़िता का कुरता नहीं उतारा- क्योंकि वह अनुसूचित जाति पासी की थी, जिसे स्थानीय समुदाय विशेष वालेअपने से 'नीचे' देखते हैं।
आकिब पर अपने दो दोस्तों आदिल, नाजिक के साथ मिल कर एक दलित नाबालिग लड़की का बलात्कार करने और उसका अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है। शनिवार को हुई इस घटना का मुख्य आरोपित मोहम्मद आदिल उर्फ़ छोटका उर्फ आतंकवादी को पुलिस पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है। एक अन्य आरोपित नाज़िक को पहले ही ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
जब पीड़िता की तबियत खराब होने लगी तो उसने अपने माता-पिता को बताया। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिन्होंने आरोपितों के विरुद्ध बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत आपराधिक मामला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने में दर्ज कर लिया। दोनों आरोपितों की तलाश जारी है।
आरोपित जसीम ने पीड़िता को नशीला पेय पदार्थ पिलाकर उसके साथ तब तक बलात्कार किया जब तक वह बेहोश नहीं हो गई और उसके बाद उसने पीड़िता की अश्लील तस्वीरें लीं। वह उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर उस पर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव डालने लगा।
एसआईटी का दावा है कि अश्लील वार्तालाप और मसाज सहित लगभग सभी आरो चिन्मयानन्द ने कबूल कर लिए हैं। इनके बारे में विस्तार से बताने से मना किया है, क्योंकि उसे अपने किए पर शर्म आ रही है। SIT परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की भी जाँच कर रही है।
पीड़िता के भाई ने इस बात की जानकारी दी कि शबनम का एक तीन साल का बेटा है और तीन माह की एक बच्ची थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को ससुरालवालों ने उनकी बहन और तीन माह की बच्ची को ज़िंदा आग के हवाले कर दिया।
अदालत ने कहा कि वैशाली पर अत्याचार किए जा रहे थे, जिसके कारण उसने जीने की उम्मीद खो दी थी। उसकी सास उससे दुर्व्यवहार करती थी और उसका पति चुप्पी साधे रखता था, जो वैशाली के लिए शारीरिक और मानसिक यातना देना जैसा था।
निक़ाह के समय दहेज के रूप में 10 लाख रुपए दहेज के तौर पर दिए थे। लेकिन, चाँद बी द्वारा एक बेटी को जन्म दिए जाने के बाद ससुराल वालों ने उसके घर से और 5 लाख रुपए की माँग की। रहमान ने इस राशि के भुगतान से इनकार कर दिया। इसके बाद उसकी बेटी के साथ ससुराल वालों ने मार-पिटाई शुरू कर दी।