Monday, December 23, 2024

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मानवाधिकार

नाम: गुलालाई इस्माइल, उम्र: 32 साल: पाकिस्तानी फौज से बचीं, अब दुनिया को दिखा रहीं उसका बर्बर चेहरा

वह 16 साल की उम्र से महिलाओं के मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं। सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाती हैं। उनकी आवाज खामोश करने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों ने कई साजिशें रची। मुश्किलों से लड़ गुलालाई बनीं अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद की नई किरण।

PAK सेना बलूचिस्तान में दुष्कर्म और निर्दोषों की हत्या के लिए कुख्यात: बलूच नेता

अपने बयान में बलूच नेता ने बताया कि पाकिस्तानी फौज के सिपाहियों ने एक महीने के अंतराल में मरदान की एक महिला और ग्वादर की एक महिला के साथ दुष्कर्म किया है।

बलूचिस्तान में नरसंहार, चीन में उइगरों की प्रताड़ना पर चुप्पी: बलूच नेता ने पाक की उधेड़ी बखिया

बलूच नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने ख़ुद को दुनियाभर के इस्लाम के समर्थकों के मानवाधिकार का रक्षक होने का तमगा दिया हुआ है। उन्होंने कहा, "चीन में लाखों उइगरों पर अत्याचार हो रहा लेकिन पाकिस्तान चुप है क्योंकि बलूचिस्तान में चीन भी उसका 'पार्टनर इन क्राइम' है।"

एमनेस्टी इंडिया जैसे डकैत विदेशी एनजीओ दूसरे देशों को अपने बाप की खेती क्यों समझते हैं?

अगर एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के लिए श्रीलंका की सरकार और लिट्टे समान हैं, इस्लामी देशों में महिलाओं को दोयम दर्जे के अधिकारों का मिलना सही लगता है, नेटिव अमेरिकन महिलाओं का रेप स्वैच्छिक सेक्स लगता है, भारत में जिहादी आतंकियों का पलड़ा भारी है, तो समस्या बहुत बड़ी है।

इमरान के ‘नए पाकिस्तान’ में महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता पर राजद्रोह का मुकदमा

गुलालाई इस्माइल के पिता प्रोफेसर मोहम्मद इस्माइल ने 4 जून को एक ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों के हाथों उनके परिवार का उत्पीड़न हो रहा था।

अलवर गैंगरेप मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार को जारी किया नोटिस

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश है। पुलिस ने छोटेलाल, जीतू और अशोक सहित 5-6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। 26 अप्रैल की घटना को चार दिनों बाद 30 अप्रैल को पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। पुलिस ने IPC और SC/ST ऐक्ट की धाराओं 147, 149, 323, 341, 354B, 376(D) & 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

बुर्के का विरोध करने वाली नसरीन को 38 साल की जेल, 148 कोड़ों की सजा

इससे पहले, साल 2010 में नसरीन को दुष्प्रचार करने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में जेल भेजा गया था। हालाँकि, नसरीन ने इन आरोपों से इनकार किया था। 6 साल की सजा काटने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

पत्थरबाजी से सुरक्षाबलों का होता है मानवाधिकार हनन, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत

सुरक्षाबलों के मानवाधिकार संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को नोटिस जारी किया गया।

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