रिजवी ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सर्वश्रेष्ठ निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और ओवैसी को छोड़कर सभी इस निर्णय से सभी संतुष्ट हैं। ऐसे में इन दोनों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
“ना मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार हूँ और ना ही मेरी काबिलियत है। मैं राजनीति में विधायक या सांसद बनने नहीं आया था। 'जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है' और अयोध्या में राम मंदिर के सपने के साथ आया था। दोनों काम पूरा हो गया है।”
"जैसे ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी और मुस्लिमों के लिए मक्का है, वैसे ही हिन्दुओं के लिए अयोध्या में राम मंदिर को एक मुख्य तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए।"
विधायक राजा सिंह ने 'ओवैसी, भारत छोड़ो' का नारा देते हुए कहा कि उनकी तरह मानसिकता रखने वाले सभी लोगों को देश से बाहर जाना चाहिए। कई अन्य लोगों ने भी उनका समर्थन किया। इसके बाद ट्विटर पर 'ओवैसी भारत छोड़ो' का ट्रेंड भी चलने लगा।
"एक महिला ज़िले हुमा के नेतृत्व में लगभग 110 मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों ने ग़ैर-क़ानूनी रूप से इकट्ठा होकर ईदगाह मैदान में एकत्र होकर नमाज अता की। लगभग 20 मिनट की नमाज पूरी होने के बाद, हुमा ने माइक सँभाला और देश-विरोधी नारे लगाए।"
अपने अंतर्मन में हर हिन्दू यह बात जानता था कि श्री राम व राम का नाम हिन्दू धर्म की आत्मा है। राम गए तो हिन्दू धर्म नहीं बचेगा। वह आस्था, वह श्रद्धा जो हमारे रक्त और हमारी हड्डियों में समाई हुई है। राम का ‘तत्व’ ही वह शाश्वत धारा है जिसने हिन्दू समाज को विषम-से-विषम परिस्थिति में भी स्पंदित व जीवित रखा है, तथा सदैव रखेगी।
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष और अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार अरशद मदनी ने अयोध्या मसले पर फैसला आने से पहले कहा था कि सर्वोच्च अदालत जो भी फैसला देगी, वह उन्हें स्वीकार होगा। यह अलग बात है कि फैसला आने के पाँच दिनों के बाद ही उन्हें...
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि फैसले के बाद अचानक से कार्यशाला पहुॅंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। अमूमन 1000 लोग रोजाना कार्यशाला आते थे। अब यह संख्या बढ़कर 5000 हो गई है।
"सर्वोच्च न्यायालय का जो फ़ैसला आया है वही एक अकेला रास्ता था जिससे यह मामला सुलझ सकता था। अब हिन्दुस्तान में राम जन्भूमि के स्थान पर दुनिया का सबसे सुन्दर मन्दिर बनने की तैयारी हो रही है।"
"भगवान राम में मेरी असीम आस्था के कारण, सड़कों पर पड़े काँच के एक भी टुकड़े या कंकड़ पत्थर ने मुझे कभी चोट नहीं पहुँचाई। मेरा संकल्प तब पूरा होगा जब अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना होगी। मैं ऐसा करने के बाद ही चप्पल पहनूँगा।"