Friday, November 22, 2024

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लद्दाख

भारत ने गलवान में बना डाला वह पुल जिससे सुलगा है चीन, लेह में फाइटर प्लेन ने भरी उड़ान

गलवान में भारत ने वह पुल तैयार कर लिया है, जिसे चीन रोकना चाहता था। गलवान में ही पिछले दिनों चीन के धोखे से किए वार में 20 सैनिक बलिदान हो गए थे।

लेह का आधा हिस्सा चीन लेना चाहिए, फिर दिल्ली में मोदी की माँ-बहन हो जाएगी…: कॉन्ग्रेस नेता जाकिर हुसैन का ऑडियो वायरल, कारगिल से...

"सब ठीक हो जाएगा। बस लेह का आधा हिस्सा चाइना लेना चाहिए। फिर पता है क्या होगा... दिल्ली में मोदी की माँ-बहन हो जाएगी...। लद्दाख यूटी के फिर हजार टुकड़े हो जाएँगे।"

हुसैन दलवई, नीरज भारती, कलैगनार TV, सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे: गलवान में सैनिकों के बलिदान पर बिगड़े बोल

गलवान में सैनिकों के बलिदान पर अनर्गल प्रलाप कर रहे सभी लोग कॉन्ग्रेस से जुड़े हैं। कोई चीनी हमले को जायज ठहरा रहा तो कोई इसे बिहार चुनाव से जोड़ रहा।

गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी हिंसक झड़प में 76 सैनिक भी हुए थे घायल, सभी की हालत में सुधार: रिपोर्ट

भारतीय सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हिंसक झड़प के बाद कोई भी भारतीय जवान लापता नहीं है। जितने भी जवान गलवान घाटी के पास थे, सभी की जानकारी उनके पास है।

चीनी माल के बहिष्कार की तेजी होती माँग के बीच ओप्पो का लाइव लॉन्च इवेंट कैंसल

चीन की हरकतों के मद्देनजर उसके उत्पादों के बहिष्कार की माँग तेज़ होती जा रही है। ओप्पो को भारत में लाइव लॉन्चिंग कैंसल करनी पड़ी है।

देश सेवा में बलिदान हुए झारखण्ड के कुंदन कुमार ओझा, नहीं देख पाए अपनी 17 दिनों पहले जन्मी बेटी का मुख

बलिदानी कुन्दन इसी साल जनवरी में छुट्टी लेकर अपने गाँव डिहारी आए थे। कुछ दिन रहने के बाद वो 2 फरवरी को वापस अपनी ड्यूटी पर लेह चले गए थे।

लोहे के डंडे, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पत्थर से लैस थे चीनी सैनिक: निहत्थे भारतीय सैनिकों पर हमले की थी पहले से तैयारी

चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सैनिकों ने भी इसका मुँहतोड़ जवाब दिया। चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाईप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर लिया था।

विषम परिस्थितियों में भी चीन के लिए भारत में बल्लेबाजी करने वाले कौन हैं?

इस एक ट्वीट में इतना खोखलापन और इतनी धूर्तता है कि फिर से आदमी सोचने लगता है, क्या राहुल गाँधी ये लिख सकता है? सतही तौर पर यह ट्वीट तो एक चिंतित व्यक्ति का दिखता है, लेकिन ऐसा है नहीं.......

‘मरना सब को है, देश के लिए मरना सम्मान की बात, मुझे अपने बेटे पर गर्व है’ – बलिदानी कर्नल संतोष बाबू के पिता

"मैं खुश हूँ कि उसने देश के लिए अपना जीवन दे दिया लेकिन माँ के तौर पर दुखी हूँ। मैंने अपना इकलौता बेटा खो दिया।"

लद्दाख में चीन की कहानी और वो लोग जो हँसते हुए सवाल पूछ रहे हैं

युद्ध न तो संभव है, न करना चाहिए क्योंकि वहाँ लाशें हर दिन गिरेंगी, आर्थिक नुकसान इतना होगा कि हम पाँच साल पीछे चले जाएँगे। चीनी सेना...

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