Sunday, September 1, 2024
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गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी हिंसक झड़प में 76 सैनिक भी हुए थे घायल, सभी की हालत में सुधार: रिपोर्ट

"सभी घायल सैनिक खतरे से बाहर हैं, किसी की भी हालत गंभीर नहीं हैं। 18 सैनिक लेह के अस्पताल में एडमिट हैं। वे 15 दिन में ड्यूटी के बाद वापस लौटने की हालत में होंगे। वहीं, 58 सैनिक अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्हें हल्की चोट है और वे एक हफ्ते के अंदर ड्यूटी पर वापस लौटेंगे। 4 सैनिक गंभीर रूप से घायल थे। उनपर से भी खतरा टल चुका हैं।"

भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख सीमा पर हुए खूनी हिंसक झड़प में भारत के करीब 76 सैनिकों के घायल होने की भी खबर आई हैं। सोमवार (15 जून, 2020) गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में डंडे और नुकीली चीजों से लैस चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। अचानक हुए इस खूनी हमले से भारतीय सैनिक अनजान थे। जिसकी वजह से भारतीय सेना के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

ANI के मुताबिक, “सभी घायल सैनिक खतरे से बाहर हैं, किसी की भी हालत गंभीर नहीं हैं। 18 सैनिक लेह के अस्पताल में एडमिट हैं। वे 15 दिन में ड्यूटी के बाद वापस लौटने की हालत में होंगे। वहीं, 58 सैनिक अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्हें हल्की चोट है और वे एक हफ्ते के अंदर ड्यूटी पर वापस लौटेंगे। खबरों के अनुसार 4 सैनिक गंभीर रूप से घायल थे। उनपर से भी खतरा टल चुका हैं। उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार हैं।”

भारतीय सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हिंसक झड़प के बाद कोई भी भारतीय जवान लापता नहीं है। जितने भी जवान गलवान घाटी के पास थे, सभी की जानकारी उनके पास है।

वहीं इस खूनी झड़प पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस घटना से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इसे स्थानीय स्तर पर अचानक पैदा हुई परिस्थिति नहीं मानता है, बल्कि इसके पीछे चीन की सोची-समझी साजिश साफ झलक रही है। इस घटना पर चीन को सुधारात्‍मक कदम उठाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। PM मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लद्दाख में चल रहे विवाद पर कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन करारा जवाब देने की क्षमता रखता है। पीएम मोदी ने इस विषय पर आज शुक्रवार (19 जून, 2020) को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

उल्लेखनीय हैं कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और संघर्ष हुआ, जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए जबकि चीन के 43 से अधिक जवानों के हताहत होने की सूचना सामने आई हैं। चीन अभी तक अपने सैनिकों की मौत का आँकड़ा छुपा रहा है और सीमा पर संघर्ष के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहा है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

बता दें चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाईप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर लिया था। और उसी का इस्तेमाल वे हिंसा के दौरान कर रहे थे। वहीं पहाड़ी पॉइंट 14 पर पहले से मौजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाते हुए उनके ऊपर बड़े-बड़े पत्थरों को फेक कर भी हमला किया। बिना किसी हथियार के भारतीयों सैनिकों ने उनका डट कर मुकाबला किया। हालाँकि, इस झड़प में कई भारतीय सैनिकों को तो संभलने तक का मौका नहीं मिला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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