महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री, जयंती के अवसर पर दोनों को पीएम मोदी ने याद किया और श्रद्धांजलि दी। लेकिन, शास्त्री वाले ट्वीट्स ज्यादा लोकप्रिय हुए।
"नई दिल्ली में दलाई लामा के प्रतिनिधि WD शाकाब्पा ने उन्हें लिखा था कि भारत सरकार ने तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता देने के लिए योजना तैयार कर ली है।"
पीएम मोदी ने बताया कि कैसे कृषि सुधारों में सख्त फैसले लेने के लिए शास्त्री कैबिनेट में कोई कृषि मंत्रालय लेना ही नहीं चाहता था। उन दिनों कॉन्ग्रेस नेताओं में चुनौती लेने की हिम्मत नहीं थी।
तब भी तो हुए थे कृषि सुधार। 'हरित क्रांति' की नींव रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री को वामपंथियों ने अमेरिका का एजेंट तक कहा, जम कर विरोध किया, पर वो झुके नहीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गाँधी को, विजयघाट पर लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।
"..अपनी बेटी को PM पद के लिए तैयार किया जाना था, फिर मोरारजी देसाई और जगजीवन राम – दो महत्वाकांक्षी, सक्षम और प्रभावशाली प्रतिद्वंद्वियों को हटाना, और अंत में.."
"पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती पर उनकी स्मृति को नमन। वे भारत के एक महान पुत्र थे, जिन्होंने हमारे देश की पूरी लगन और समर्पण के साथ सेवा की। उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा और साहसिक नेतृत्व आज भी पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। "
दलाई लामा ने बताया कि चीन भी अब समझ गया है कि उसकी पुरानी नीति सफल नहीं होगी। इसीलिए वह जिस तिब्बती परंपरा को अपना बताता था, उसे अब नालंदा का मानने लगा है।
अपने वाराणसी दौरे में प्रधानमंत्री मोदी बड़ा लालपुर में दीनदयाल उपाध्याय व्यापार सुविधा केंद्र में लगभग 5,000 पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वो सदस्यता अभियान शुरू करेंगे, साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी करेंगे।