वाराणसी से नरेंद्र मोदी 11000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पटना साहिब से रवि शंकर प्रसाद आगे चल रहे हैं। बॉलीवुड हीरो-कम-अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा रह गए पीछे।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले पाँच साल तक देश में शांतिपूर्ण माहौल के मद्देनज़र, इस समय एग्जिट पोल से विपक्ष में उपजी हताशा को ध्यान में रखकर, किसी तरह की हिंसा को रोकने के लिए, पहले से ही सावधानी बरतने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है।
AAP के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की एक वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर की। इसमें अर्नब EVM हैकिंग को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसते नज़र आए। इसी वीडियो के जवाब में पागलखाने से लेकर डूब मरने तक की बात लिखी गई।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने मतदान में इस्तेमाल की गई मशीनें, 23 मई को हो रही मतगणना से पहले नई मशीनों से बदलने के आरोपों और शिकायतों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया था।
ऑपइंडिया के पास शुंगलू कमिटी का वह रिपोर्ट है जिसमें अशोक लवासा की बेटी और बेटे के अनुचित लाभ उठाने की बात कही गई है। शुंगलू कमिटी ने ये साफ बताया है कि सिलेक्शन कमिटी ने अन्वी लवासा के प्रोजेक्ट ऑफिसर (PO) के रूप में चयन में उन्हें उनके पॉवरफुल संबंधों की वजह से फेवर किया गया।
कोर्ट ने इन तीनों को पेशी से छूट तो दी ही इसके अलावा आरोपियों के वकीलों को विस्फ़ोट वाली जगह पर जाने की अनुमति भी दी। ग़ौरतलब है कि मालेगाँव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
विपक्ष ने मुद्दे नहीं उठाए। विपक्ष ने सनसनी बनाने पर ज़्यादा ध्यान दिया। जस्टिस लोया की मौत को मुद्दा बनाया गया, गलत वित्तीय ज्ञान परोस कर अमित शाह के बेटे की कम्पनी को मुद्दा बनाया गया, अजित डोभाल के बेटों पर माहौल बनाने की कोशिशें हुई, नोटबंदी पर लाशें पैदा की गईं, जीएसटी पर उन व्यापारियों के नुकसान की बात हुई जो कहीं थे ही नहीं!