Tuesday, March 19, 2024
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AAP नेता संजय सिंह का अर्नब गोस्वामी पर फूटा ग़ुस्सा- पागलखाने जाएँ, जेल जाएँ या डूब मरें!

"इस अर्नब को तुरंत आगरा ले जाओ यार - Very Serious Case. या कुछ भी करिए, अंडमान ही लेते जाइए या हिंद महासागर में छोड़ आइए।"

लोकसभा चुनाव 2019 की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इन दिनों आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने राजनीतिक ‘प्रवचन’ में शालीनता की सारी हदें पार करते हुए अपनी एक अलग पहचान बना ली है। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने में अब 24 घंटे से भी कम का समय रह गया है। लेकिन, AAP पार्टी के नेता अपनी हताशा के चरम पर जा पहुँचे हैं।

AAP के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आज रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की एक वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर की। इसमें अर्नब EVM हैकिंग को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसते नज़र आए।

इस वीडियो में अर्नब गोस्वामी ने मसखरी के अंदाज़ में AAP नेताओं का भी मजाक उड़ाया कि AAP पार्टी को दिल्ली में 100 सीटें भी नहीं मिल सकतीं।

अर्नब के इस मसखरी भरे अंदाज़ पर AAP के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने जवाब दिया और लिखा, “इस अर्नब को तुरंत आगरा ले जाओ यार, “Very Serious Case.”

इस पर, आरजेडी सांसद ने चुटकी लेते हुए लिखा कि आगरा के पागलखाने में सीमित जगह है। इस पर संजय सिंह ने जवाबी टिप्पणी करते हुए लिखा, “फिर कुछ भी करिए सर अंडमान ही लेते जाइए या हिंद महासागर में छोड़ आइए।” आपकी जानकारी के लिए यहाँ बता दें कि अंडमान सेलुलर जेल के लिए प्रसिद्ध है और हिंद महासागर शब्द का इस्तेमाल डूब जाने के लिए किया गया है।

संजय सिंह अक्सर न्यायपालिका के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं। हाल ही में AAP को बड़ा झटका तब लगा था, जब सुप्रीम कोर्ट ने AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, क्योंकि शीर्ष अदालत ने पाया कि संजय सिंह द्वारा न्यायपालिका के ख़िलाफ़ दिए गए उनके पहले के बयान अपमानजनक थे।

दिल्ली में सत्ता के बँटवारे के फ़ैसले के बाद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए, सिंह ने हिन्दी में ट्वीट किया था, “क्या सुप्रीम कोर्ट मोदी जी के हितों के ख़िलाफ़ फ़ैसला नहीं सुनाता? केंद्र सरकार ने राफ़ेल (सौदा) में भ्रष्टाचार पर अदालत में झूठ बोला, लेकिन सुप्रीम कोर्ट चुप था। क्या सुप्रीम कोर्ट ने CBI पर कोई फ़ैसला दिया था या वो मजाक था? दिल्ली के करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खेला गया। क्या यह सुप्रीम कोर्ट या तहसील का स्थानीय न्यायालय है?” एक अलग ट्वीट में उन्होंने पूछा था कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गरिमा खो दी है?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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