एक तरफ़ चीनी मिल वाला मुद्दा है जिस पर केंद्रीय मंत्री चुप हैं वहीं दूसरी तरफ़ है उनकी संगठनात्मक क्षमता एवं अनुभव, जिसके आधार पर वह प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ रहे हैं। यहाँ कृषि मंत्रालय में रहे वर्तमान व पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के बीच ईगो का टकराव है। सवाल यह भी है, क्या कुशवाहा ने टिकट बेचा? मोतिहारी से ग्राउंड रिपोर्ट
इंदौर भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है क्योंकि यहाँ लगातार पिछले 8 चुनावों से ताई के नाम से पुकारी जाने वाली सुमित्रा महाजन का कब्ज़ा है और 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब वो चुनाव नहीं लड़ रही हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की संगठनात्मक जिम्मेदारियों का हवाला देकर इस सीट से न लड़ने की बात कही थी।
अखिलेश यादव की तस्वीर उनकी मैनपुरी में हुई रैली से वायरल हुई है। इस रैली में वहाँ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल थी। जहाँ से इन नेताओं को भाषण देना था, वहीं पर दो एसी एक के ऊपर एक लगाए गए थे।
लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है और 92 फीसदी के करीब मतदान केन्द्रों पर निष्पक्ष वोटिंग के लिए केन्द्रीय बलों की तैनाती होगी। ऐसी स्थिति कभी बिहार में होती थी।
थरूर की जीत का गणित तीसरे प्रतिद्वंद्वी, एलडीएफ के सी दिवाकरण, के खराब प्रदर्शन पर टिका है। यदि गैर-हिन्दू वोट बँटते हैं, तो राजशेखरन फायदे में रहेंगे।
हम साहित्यकार देशवासियों से अपील करते हैं कि आप अपना बहुमूल्य वोट देश की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान, संप्रभुता, सांप्रदायिक सद्भाव, सर्वांगीण विकास आदि को बनाए रखने के लिए दें।
तीसरे चरण में कॉन्ग्रेस के कुल 90 उम्मीदवारों में से 40 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। यह कुल उम्मीदवारों का 44% है।