जानिए Veg हलाल के बारे में। सूअर के माँस या उसके किसी भी उत्पाद को 'हलाल सर्टिफिकट' नहीं दिया जा सकता। 'हलाल इंडिया' ने साफ़ कर दिया कि वो शरिया क़ानून के हिसाब से चलता है। साथ ही संस्था ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के लोग साँप-बिच्छू-कुत्ता, कुछ भी खा लेते हैं।
ये लड़ाई हवसी मानसिकता को सुधारने की है, लड़कियों को समाज में भोग की वस्तु के बजाय सशक्त बनाने की है... शरिया के लागू होने का सुझाव सिर्फ़ आक्रोश में उचित लग सकता है, लेकिन एक सभ्य समाज में हर अपराध पर ऐसे कानून की बात करना अनुचित है।