शशि थरूर ने ट्विटर पर पहले भारत का गलत नक्शा पोस्ट किया। नक्शे में जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को देश से अलग दिखाया गया। थरूर ने गलत नक्शे वाले इस पोस्ट को 7 घंटे तक ट्विटर पर रहने दिया, फिर डिलीट कर दिया। पढ़े-लिखे थरूर से जाहिलों वाला यह काम अनजाने में हुआ हो, इसकी संभावना...
कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पत्र ट्वीट कर अब्दुल्ला का दर्द सामने रखा है। साथ ही कहा है कि उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने थरूर और अब्दुल्ला को जमकर सुनाई है।
हिन्दुओं की जैसे दुर्दशा सेक्युलर सरकार ने कर रखी है, उसमें हिन्दुओं को 'सेक्युलरिज़्म' की दुहाई वैसे ही है, जैसे नाज़ी यातना शिविर में पड़े यहूदी से प्रार्थना कि वह अपने शोषकों को जिलाए रखने के लिए कुछ कर दे।
सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने इसका स्वागत किया है। इस अधिनियम को शरणार्थी हिन्दुओं के लिए बड़ी राहत बताया है। वहीं लिबरल गिरोह ने भी अपनी रुदाली शुरू कर दी है। कॉन्ग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इसे लोकतंत्र के ही खिलाफ बता दिया है।
शशि थरूर ने विशेष अदालत से एक अपील की। उन्होंने कहा कि कोर्ट दिल्ली पुलिस को इस बात का निर्देश दे कि वह उनकी दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर द्वारा किए गए ट्वीट को रिकॉर्ड के रूप में ले। इस मामले को लेकर थरूर का कहना है कि मौत से पहले सुनंदा की मानसिक स्थिति कैसी थी, यह जाँचने के लिए उनका ट्विटर एकाउंट देखना बेहद ज़रूरी है।
सीटीडी एडवाइज़र्स नामक इस संस्था का गठन पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश बैंकर शोएब बाजवा ने पिछले साल किया था। जेकेएलएफ जैसा आतंकी संगठन संस्था के कार्यक्रम की प्रशंसा कर चुका है।
दिल्ली के होटल लीला में थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर मृत मिली थीं। थरूर के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 498-A और धारा -306 के तहत मामला दर्ज है। फिलहाल वह जमानत पर हैं। दिल्ली पुलिस ने अदालत से उनके खिलाफ हत्या का मामला चलाने की इजाजत मॉंगी है।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री और संयुक्त राष्ट्र राजनयिक रह चुके कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने विदेश मामलों की संसदीय प्रवर समिति (स्टैंडिंग कमिटी) से अपना नाम वापस ले लिया है। इसका कारण उन्होंने संसद की ही दूसरी, सूचना प्रौद्योगिकी समिति के कार्यों में व्यस्तता को कारण बताया है।
पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर तिरुवनंतपुरम सीट से कॉन्ग्रेस के टिकट पर 2009, 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके हैं। हालिया लोकसभा चुनावों में उन्होंने पिछले दोनों चुनावों से भी ज्यादा मत प्राप्त कर जीत दर्ज की थी।
थरूर ने नेहरू-इंदिरा की जो फोटो शेयर की वह न अमेरिका की थी और न 1954 की। फोटो मॉस्को की है जिसे 1955 में क्लिक किया गया था। नेहरू को महान और मोदी को नीचा दिखाने का थरूर का दाँव उलटा पड़ गया और उनसे लोगों के सवाल का जवाब देते नहीं बना।