IBC की रिपोर्ट बताती है कि अबुल रज़िक वास्तव में एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन, श्रीलंकाई तोहिद जमाथ (SLTJ) का नेता है, जिसका तमिलनाडु के तोहिद जमाथ के साथ वैचारिक संबंध है।
भारतीय गृह मंत्रालय की तरफ से श्री लंका सेना प्रमुख के बयान पर अभी तक किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मगर सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी का कहना है, “श्री लंका ने हमारे साथ इस तरह की कोई जानकारी साझा नहीं की है। अहम बात यह है कि श्रीलंका सुरक्षा एजेंसियों ने खुद जाँच के बाद इससे इनकार कर दिया था।”
सामना पत्रिका में 'प्रधानमंत्री मोदी से सवाल, रावण की लंका में हुआ, राम की अयोध्या में कब होगा?' शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने माँग की है कि श्रीलंका की तरह ही भारत में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
ब्रिटेन और कनाडा के बाद, भारत और बांग्लादेश ने पीस टीवी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो अक्सर ISIS के भर्तियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है, ताकि वे ब्रेनवाश कर सकें। धार्मिक असहिष्णुता और हिंसक अतिवाद को उकसाने के लिए, नाइक की वार्ता और भाषणों को भारत सरकार द्वारा 'अत्यधिक आपत्तिजनक' घोषित किया गया था।
भारत में बुर्क़ा पर प्रतिबन्ध लगाने की माँग अकेले शिवसेना ने नहीं की है, हिन्दू सेना नामक संगठन ने भी गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सार्वजानिक व निजी संस्थानों में सार्वजनिक तौर पर बुर्क़ा या नक़ाब के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने की माँग की है।
श्री लंका में अबतक 150 आरोपितों व आतंकियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और इस्लामिक आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार ने कई नए नियम लगाए हैं। गिरफ़्तार आरोपितों से पूछताछ जारी है। 21 अप्रैल को हुए हमले में 250 से भी अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखने हुए श्री लंका सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वहाँ के राष्ट्रपति ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ये वीडियो कोयम्बटूर में गिरफ़्तार किए गए खूँखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के गुर्गों के पास से ज़ब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से प्राप्त किए गए थे। एनआईए ने देश के कई हिस्सों में छापा मारकर आतंकियों द्वारा हिन्दू संगठन के नेताओं को मारे जाने की साज़िश का ख़ुलासा किया था।
वह दूसरे मज़हबों ही नहीं, उदारवादी मुसलामानों और सूफ़ियों को भी अपशब्द कहता था - उसके लिए सूफ़ी नशेड़ी थे। इस्लामिक पढ़ाई में उसकी रुचि इतनी ज्यादा थी कि उसने केवल कुरान रटने के लिए अरबी का कोर्स किया और 2006 में एक इस्लामिक अध्ययन केंद्र खोल डाला था।