रेणुका कुमार की अगुवाई वाली जॉंच समिति ने सौंपी रिपोर्ट। सोनभद्र और मिर्जापुर में फर्जी सहकारी समिति बनाकर 6,602 एकड़ जमीन पर कब्जा आया सामने। मौजूदा समय में इस जमीन की कीमत करीब 660 करोड़ रुपए आँकी गई है।
"उम्भा का विवादित जमीन कॉन्ग्रेसी नेता के नाम पर था। जमींदारी खत्म होने के बाद इन्होंने कई सोसायटी बनाई और बड़े पैमाने पर जमीनों के ट्रांसफर किए। कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा अवैध तरीके से जब्त की गई जमीन को खाली करवाकर उन आदिवासियों, वन विभाग और ग्राम सभा को दे दी जाए, जिनकी ये जमीनें हैं।"
"मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में सरकारी ज़मीनों के दुरुपयोग की अगले तीन महीनों में जाँच की जाएगी। 8 राजपत्रित और 7 गैर-राजपत्रित अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की गई है। साज़िश करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
पुलिस ने शुक्रवार को हत्या मामले में नामजद आरोपित सोनू सिंह समेत मुन्नू, राम नगीना और विनय कुमार को हिरासत में लिया। इन चारों आरोपितों को घोरावल कोतवाली पुलिस ने नगर के मुक्खा तिराहे से गिरफ्तार किया।
सोनभद्र की वह जमीन जिसे लेकर खूनी संघर्ष हुआ, उसमें यूपी के पूर्व राज्यपाल चंद्रशेखकर प्रसाद नारायण के चाचा और कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद महेश्वर प्रसाद नारायण का नाम सामने आया है। साथ ही विवादित जमीनों के मामले में बसपा के कई नेताओं का नाम भी उजागर हुआ है।
सोनभद्र जिले में जुलाई 17 को जमीन को लेकर हुए विवाद में 3 महिलाओं समेत 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उम्भा गाँव में हुई इस घटना में 17 लोग घायल भी हुए थे।