Tuesday, March 19, 2024
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सोनभद्र हत्याकाण्ड से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, देखे यहाँ

"इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कॉन्ग्रेस की सरकार थी। 1955 में कॉन्ग्रेस की सरकार ने सोनभद्र में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के नाम पर जनजाति के लोगों की भूमि को एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम कर दिया। वर्ष 1989 में उस ट्रस्ट से जुड़े लोगों के नाम पर वह जमीन कर दी गई। वर्ष 2017 में...."

सोनभद्र हत्याकाण्ड से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे हैं। 1 मिनट से कुछ सेकंड तक की लम्बाई के इन वीडियो में घटना के दौरान हुई हिंसा देखी और सुनी दोनों जा सकती है। हालाँकि, इन वीडियो को बनाने वाले की पहचान अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन वीडियो में गोलियों की आवाज़ें और एक दूसरे पर लाठियाँ लेकर पिल पड़ते गुट साफ देखे जा सकते हैं।

जमीन विवाद में 10 से ज्यादा लोगों की हुई हत्या

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बुधवार, जुलाई 17, 2019 को जमीन को लेकर हुए विवाद में 3 महिलाओं समेत 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। घोरावल इलाके के उम्भा गाँव में हुई इस घटना में 17 लोग घायल भी हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे के अनुसार मामले की जाँच में यह भी निकल कर आया कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कॉन्ग्रेस की सरकार थी। 1955 में कॉन्ग्रेस की सरकार ने सोनभद्र में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के नाम पर जनजाति के लोगों की भूमि को एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम कर दिया। वर्ष 1989 में उस ट्रस्ट से जुड़े लोगों के नाम पर वह जमीन कर दी गई। वर्ष 2017 में वह जमीन कुछ लोगों को बेची गई। उन्होंने पूरे मामले से जुड़े नेताओं को दण्ड भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा था।

विपक्षी नेताओं को रोका गया मिलने से

इस बीच घटना के बाद जिले में लागू धारा 144 के चलते विपक्ष के कई बड़े नेताओं को पीड़ितों से मिलने से भी रोक दिया गया। कॉन्ग्रेस महासचिव और लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल प्रभारी रहीं प्रियंका गाँधी रोके जाने पर चुनार गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गईं। शनिवार को सोनभद्र जाने की कोशिश कर रहे तृणमूल सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने वाराणसी एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। इससे नाराज सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सुनील मंडल, अबीर रंजन बिस्वास और उमा सरेन ने भी हवाई अड्डे पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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