पहले काली माँ के हिजाब से टेस्टिंग हुई। फिर देखा कि किसी हिन्दू को फर्क नहीं पड़ा, तो उन्होंने अब आम हिन्दू स्त्री को हिजाब में दिखाया, बिन्दी के साथ। संदेश साफ है कि हिन्दुओं के प्रतीकों को तोड़ा जाएगा, उनकी स्त्रियों को कन्वर्ट किया जाएगा, और फिर उन्हें इसी काले बोरे में निकलना होगा।
एक्स NDTV पत्रकार और वर्तमान में हिन्दुस्तान टाइम्स में कार्यरत हिन्दूफोबिया से ग्रसित सुनेत्रा चौधरी अपने जहर को छोड़ने से खुद को नहीं रोक पाईं और सस्ती लोकप्रियता के लिए इस प्रतिमा को कारपेट से भी गंदा बता दिया।
केंचुली उतार कर ये पूरा विरोध अब 'हम बनाम वो' का हो गया है। इस पूरे विरोध का लहजा 'मुस्लिम बनाम काफिर' का हो चुका है। वो खुल कर कह रहे हैं कि 'गलियों में निकलने का वक्त आ गया है', वो चिल्ला कर जामिया की गलियों में कह रहे हैं कि उन्हें 'हिन्दुओं से आज़ादी' चाहिए।
पाकिस्तानी हिन्दुओं ने बताया कि उबर के ड्राइवर नसीम ने उन्हें नीचे उतरने को कहा। जैसे ही वो नीचे उतरे, वो गाड़ी लेकर फरार हो गया। तेजिंदर बग्गा ने उबर ड्राइवर नसीम द्वारा पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को गाड़ी से निकाल बाहर किए जाने की निंदा की।
अगर इस भीड़ को देख कर तुम्हें डर लग रहा है, तो फिर डरो क्योंकि ये डर पूरे भारतीय समाज की शांति के लिए अच्छा है। अगर ये डर तुम्हारे भीतर रहेगा कि तुम्हारी आगजनी, पत्थरबाजी, गोली चलाने की प्रवृत्ति के टक्कर में एक ऐसी टोली है जो हर जिले में तैनात है, तो तुम सड़कों पर आ कर आग लगाने से पहले सोचोगे।
सागरिका को मंदिर और सार्वजनिक फुटपाथ में अंतर नहीं पता, इसलिए उन्हें तो मूर्ख माना जा सकता है। लेकिन बरखा दत्त मंदिर का नाम स्पष्ट तौर पर लेतीं हैं और इसके बाद भी कहती हैं कि उन्हें सबरीमाला में जबरन प्रवेश चाहिए। यह मूर्खता नहीं, दुर्भावना वाली आसुरिक वृत्ति है।
यह सोचे जाने की ज़रूरत है कि सौ करोड़ से ज्यादा की आबादी के धर्म को गाली देने की हिम्मत कहाँ से आती है? ऐसी आस्था जिसने न मज़हबी हिंसा की, न जबरिया मतांतरण, उससे शोएब दानियाल जैसों की दुश्मनी क्या है?
"जब तुम अपने लोकतंत्र को अजायबघर (म्यूजियम) में तब्दील कर फुरसत पा लो तो दुनिया के और भी पुराने पार्लियामेंट हाउस को, जैसे वेस्टमिंस्टर को गौमूत्र का अध्य्यन करने वाला संस्थान बनाने या फिर यूएस कैपिटोल को वैदिक काल में उड्डयन संबंधी संग्रहालय बनाने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार रहो।"