बच्चे चैत्र मास के पहले दिन से बुराँस, फ्योंली, सरसों, कठफ्योंली, आड़ू, खुबानी, भिटौर, गुलाब आदि फूलों को तोड़कर घर लाते हैं, और घर-घर जाकर "फूलदेई-फूल देई छम्मा देई दैणी द्वार भर भकार यो देई सौं बारंबार नमस्कार" कहकर घरों और मंदिरों की देहरी पर फूल बिखरते हैं।
अपनी बहुसंख्यक आर्थिक ताकत से इस बार कंपनी को यह एहसास करने की कोशिश की जा रही है कि कब तक सहनशीलता को जाँचा जाएगा। जितना आप लोग नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, उससे ज़्यादा शांति और सद्भाव से यहाँ रह रहे हैं लोग। इस तरह से आग लगाने की ज़रूरत नहीं है।
हमें यह जानकारी पतंजलि का विज्ञापन पाने वाले 'प्राइम टाइम' के प्रोड्यूसर से मिली जिन्हें हमने दस रुपया प्रति चैट स्क्रीनशॉट की दर से देने का वायदा किया।
हिन्दू धर्म की सहिष्णुता का ये एक बहुत बड़ा उदाहरण है। त्यौहार हिन्दुओं का, डुबकी हिन्दुओं की, ताम-झाम हिन्दुओं का और हाथ धो रहे हैं ईश्वर के पुत्र पवित्र यीशु!
जिस प्रकार की भाषा CUSAT प्रशासन द्वारा प्रयोग की गई उससे यही पता चलता है कि कुलपति द्वारा उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय छात्रों में भेदभाव करने का प्रयास किया गया।