अफगानिस्तान के अपने कब्जे वाले इलाकों के लिए तालिबान ने मजहबी नियम-कायदे तय कर दिए हैं। औरतें घर से अकेले नहीं निकल सकतीं। पुरुष दाढ़ी नहीं कटा सकते। लड़कियाँ स्कूल नहीं जा सकतीं।
इन जवानों ने तालिबान के सामने आत्म-समर्पण कर दिया था और वो निहत्थे थे, लेकिन आतंकियों ने उनकी एक न सुनी। उन्होंने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाते हुए सभी को मार डाला।
जहाँ एक तरफ अमेरिका तेजी से अफगानिस्तान से अपनी सेना हटा रहा है, वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने दावा किया है कि इस मुल्क के 85% भू-भाग पर अब उसका ही राज़ है।
यह ध्यान देना चाहिए कि बामियान में बौद्ध स्मारकों के साथ जो हुआ वह कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा का नतीजा था जो हिन्दू, बौद्धों और जैनों के धर्म स्थानों के विनाश का कारण बनी।