पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में हो रही हिंसा पर तालिबान को क्लीनचिट देने की कोशिश की है और साथ ही भारत पर यह आरोप लगा दिया कि उसके द्वारा अफगनिस्तान की जमीन से आतंकी गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं।
कुरैशी ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज से चर्च करते हुए यह बात कही। न्यूज चैनल ने इस चर्चा का एक अंश ट्विटर पर पोस्ट किया। चर्चा के दौरान जब कुरैशी से अफगानिस्तान में हो रही हिंसाओं के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने उल्टा यह प्रश्न कर दिया कि इन हिंसाओं के लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने रिपोर्टर से यह भी कहा कि यदि आप इन हिंसाओं के लिए एक बार फिर तालिबान को जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं तो यह एक प्रकार से अतिशयोक्ति होगी। कुरैशी के अनुसार वहाँ कई दूसरे तत्व भी हैं, जो हिंसा फैला रहे हैं।
Video: Pakistan’s Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi spoke to TOLOnews’ Lotfullah Najafizada about the Afghan peace negotiations, the increase in Taliban violence, and the US withdrawal.
— TOLOnews (@TOLOnews) June 17, 2021
Watch the full interview Saturday on TOLOnews at 9pm (Kabul time). pic.twitter.com/sjdBrDjUGD
भारत के बारे में कुरैशी ने कहा, “अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी हद से ज्यादा है। अफगानिस्तान एक संप्रभु देश है, जिसके अपने संबंध हैं, व्यापार है। यहाँ तक सही है लेकिन भारत, अफगानिस्तान की धरती का उपयोग हमारे (पाकिस्तान) खिलाफ कर रहा है।“ यह पूछने पर कि भारत किस प्रकार अफगानिस्तान का उपयोग कर रहा है तो कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत, अफगानिस्तान की जमीन से आतंकी गतिविधियाँ चला रहा है।
हालाँकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री वही भाषा बोल रहे थे, जो अक्सर उनके मुल्क की सरकारी और सुरक्षा संस्थाएँ कहती रहती हैं। उनके द्वारा अक्सर यह भ्रम फैलाया जाता है कि अफगानिस्तान में भारत के दर्जन भर दूतावास हैं जबकि वास्तविकता में वहाँ भारत के चार ही दूतावास हैं जो हेरात, जलालाबाद, कांधार और मजार-ए-शरीफ में स्थित हैं। हालाँकि हेरात और जलालाबाद के दूतावास Covid-19 के कारण बंद हो गए थे, जो अभी नहीं खुले हैं।
कुरैशी के बयान पर उनके अपने ही मुल्क के पूर्व सांसद और पश्तून एक्टिविस्ट अफरसियाब खट्टक ने कहा कि तालिबान को विदेश मंत्री की जरूरत कभी नहीं होगी क्योंकि उनके पास कुरैशी के रूप में एक विदेश मंत्री है। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बेखबर, अज्ञानी या तालिबान के सहयोगी हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिका की वापसी के बाद से ही एक बार फिर हिंसा बढ़ गई है। जैसे-जैसे अमेरिकी फौज अफगानिस्तान छोड़कर जा रही है, तालिबान और अफगानी सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष भी बढ़ गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान ऐसे समय आया है, जब खुद अफगानिस्तान के सुरक्षा अधिकारी यह बता रहे हैं कि अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष में मात्र दो दिनों, 3 और 4 जून को ही 119 लोग मारे गए हैं, जिनमें 102 तो अफगानी सुरक्षाकर्मी हैं।
हालाँकि इस दौरान अफगानी सेना ने भी कड़ा पलटवार किया है। तालिबान के आँकड़े अपने आतंकियों की मौत के बारे में भले ही कुछ भी कहते हों लेकिन अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की जानकारी के अनुसार अफगानी सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए आतंक विरोधी ऑपरेशन में 3 जून को 183 तालिबानी कट्टरपंथी और 4 जून को 181 तालिबानी कट्टरपंथी मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 24 से 27 प्रांतों में रोजाना इस तरह के संघर्ष हो रहे हैं।