एनएसए ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अराजकता नहीं भड़कने दी जाएगी और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को खुली छूट दी गई है।
बैठक में आशंका जताई कि कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व माहौल खराब करने की साजिश रच सकते हैं। ऐसी ताकतों को रोकने के लिए धर्मगुरुओं से सहयोग की डोभाल ने अपील की।
इनमें से एक इम्तियाज अहमद है, जिसको पाकिस्तान से लगातार निर्देश मिल रहे थे। पाकिस्तान से आशिक मीर नाम का शख्स लगातार इम्तियाज के संपर्क में था और निर्देश दे रहा था। अजित डोभाल के कश्मीर से जाने के एक दिन बाद ही सुरक्षा कर्मियों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
खुफिया एजेंसियों से सूचना मिली है कि नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से 450 से 500 आतंकवादी राज्य में घुसने के लिए घात लगाए बैठे हैं। पाकिस्तान कश्मीर में अशांति फैलाने की लगातार कोशिश कर रहा है। जिसे देखते हुए डोभाल ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट रहने और काउंटर इंफिल्ट्रेशन ग्रिड को मजबूत रखने का आदेश दिया।
डोभाल ने कहा कि सेना द्वारा किसी को प्रताड़ित करने का सवाल ही नहीं उठता। सेना की भूमिका आतंकियों से निपटने तक सीमित है। कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य पुलिस और कुछ केंद्रीय बलों के हाथ में है। आर्टिकल 370 हटाए जाने का वही विरोध कर रहे जो शांति नहीं चाहते हैं।
जिन पूर्व सांसदों ने अभी अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है, उनकी संख्या अब घटकर केवल 109 रह गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में 90% सरकारी आवास खाली होने की संभावना है।
अजीत डोभाल ने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव से मुलाकात की। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले महीने रूस के दौरे के मद्देनजर हुई। पीएम मोदी यहाँ 4-6 सितंबर को आयोजित होने वाले ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम (EEF) में हिस्सा लेंगे।
डोवाल का बकरीद के ठीक पहले लगभग 98% मुस्लिम जनसंख्या वाले अनंतनाग जाना न केवल सीमा-पार से हिंसा भड़काने वालों बल्कि स्थानीय जिहादियों और कट्टरपंथियों के लिए भी स्पष्ट संदेश है कि सरकार संवेदनशील इलाकों को सीधे 'हैंडल' कर रही है।