मंगलवार को पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन ने ट्वीट करते हुए लिखा था- "मैं भारतीय सेना में मौजूद पंजाबियों से अपील करता हूँ कि वे कश्मीर में हो रहे जुल्म का हिस्सा ना बनें और कश्मीर में ड्यूटी से इनकार कर दें।"
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में तो ट्वीट का सही अनुवाद किया है, लेकिन उनकी इस रिपोर्ट का उस तथ्य/वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें BBC ने बहुत सारे लोगों के विरोध करने और सुरक्षाबलों द्वारा उन पर पेलेटगन इस्तेमाल करने का दावा किया था।
इन मीडिया संस्थानों से 'कश्मीर में 10000 लोगों का विरोध प्रदर्शन' वाली खबर को लेकर असली वीडियो माँगा गया था। लेकिन अभी तक ये वीडियो नहीं दे पाए हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी लोग बीबीसी उर्दू के वीडियो का जिक्र कर रहे हैं लेकिन...
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार रोजाना स्थिति का जायजा ले रही है और ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाए। अगर ऐसा ही रहा तो आप बाद में बताना हम तब मामले को देखेंगे। फिलहाल सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी गई है।
डॉ. असगर विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने से चार दिन पहले ही सूचना निदेशक नियुक्त की गईं थी। उनका काम लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करना था। पिछले 8 दिन से उनका काम लोगों की परेशानियाँ सुनना और उसका समाधान निकालना है।
चिदंबरम ने सात राज्यों में सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने बीजेपी के डर की वजह से विरोध नहीं किया। साथ ही कहा था कि देश के 70 साल के इतिहास में पहली बार एक राज्य को केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया गया है।
मुखर्जी की मूर्ति तोड़ने की घटना से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है। इस घटना को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
अब्दुल बासित ने ट्वीट किया, “कश्मीर में संघर्ष के चार मोर्चे हैं। पहला, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई। दूसरा, पाकिस्तान को आत्मनिर्णय के साथ कूटनीतिक प्रयास जारी रखने चाहिए। तीसरा, पाकिस्तानी और कश्मीरी प्रवासी इस संबंध में काम करते रहें। चौथा, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कश्मीर में राजनीतिक लड़ाई को पाकिस्तान कमजोर न होने दे। यदि भारत अपनी हदें पार करे तो युद्ध के लिए आगे बढ़ा जाए।"
वीडियो में देखा जा सकता है कि सांसद मुशाहिद उल्ला खान और फवाद चौधरी एक-दूसरे को धमकी दे रहे हैं। स्पीकर की शांत रहने की दरख्वास्त का भी दोनों नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
जम्मू और कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया कि ईद का त्योहार शांतिपूर्ण और पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि कश्मीर घाटी के सभी क्षेत्रों में, लोग अपनी स्थानीय मस्जिदों में आते-जाते रहें, इसके लिए सुरक्षा मानदंडों में ढील दी गई है।