गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख अरविंद कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी...
पिछले कुछ महीने से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई निरंतर हो रही थी। आज आने वाला फ़ैसला इसलिए भी अनूठा है क्योंकि आमतौर पर शनिवार को कोर्ट की छुट्टी रहती है, लेकिन फ़ैसले के लिए शनिवार का दिन चुनना भी अपने आप में एक ऐतिहासिक क़दम है।
अलीगढ़ डीएम ने जिले में शुक्रवार रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएँ बंद करने का निर्देश दिया है। अयोध्या की ओर जाने वाली बसों व अन्य बड़े वाहनों को भी रोक दिया गया है। ऐहतियात के तौर पर शनिवार को जिले के सभी स्कूल, कॉलेज, इंस्टीट्यूट और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं।
राम मंदिर के हक में फैसला आया तो यह पहला मौका नहीं होगा, जब हिंदुओं के दावे पर मुहर लगेगी। हाई कोर्ट ने भी विवादित स्थल को रामजन्भूमि माना था। अंग्रेजों के जमाने में भी अदालत ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात मानी थी।
पत्थरों को तराशने का काम तब भी नहीं रूका था, जब 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के बाद विहिप और आरएसएस को 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह तब भी अनवरत रूप से चल रहा था।
एक पूर्व मंत्री समेत 10 पूर्व विधायकों को भी ज़िला छोड़ने का नोटिस दिया गया है। यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि वो फ़ैसले वाले दिन जिले में दिखाई दिए तो उनकी तुरंत गिरफ़्तारी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के फैसले को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भेजी है। सभी राज्यों को फैसले को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियाँ भेजी हैं। इन 40 कंपनियों में...
अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी सांसदों (NDA) और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने को कहा है। इसके साथ ही जैसे-जैसे फैसले की घड़ी नज़दीक आ रही हैं वैसे-वैसे कानून व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसियाँ पूरी तरह से मुस्तैद हो रही हैं।
"बाबरी मस्जिद, कानून और न्याय की नजर में एक मस्जिद थी। करीब 400 साल तक मस्जिद थी। शरीयत के हिसाब से वो आज भी मस्जिद है। सत्ता और ताकत के दम पर उसे कोई भी रूप दे दिया जाए कयामत तक वह मस्जिद ही रहेगी।"
प्रशासन ने कहा है कि अफ़वाह फैलाने वाले की सूचना देने वाले का नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा। दोषी पाए जाने पर अफ़वाह फैलाने वालों को दंडित किया जाएगा। जनजीवन को सामान्य रखने में ज़िला प्रशासन के सभी अधिकारियों का सहयोग करें।