75 साल पहले 1944 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद का नाम दर्ज कराया था। ये वक्फ नंबर 26 पर बाबरी मस्जिद अयोध्या जिला फैजाबाद नाम से दर्ज है। इसे अब हमेशा के लिए हटाया जा सकता है।
90 के दशक की शुरुआत में अली मियाँ ने कहा था- यह झगड़ा अदालत के दायरे से बाहर है। अदालत का फैसला शायद ही माना जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिस तरह कुछ नुमाइंदों के सुर बदले हैं उसने एक बार फिर उनकी नीयत को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
सीएम योगी ने धार्मिक स्थलों, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों, एटीएम और बैंकों समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।
मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि देश में शांति, एकता और सद्भावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। फ़ैसला आया तो पूरे देश ने उसे दिल खोलकर गले लगाया। पूरी सहजता और शांति के साथ स्वीकार किया।
"अतिक्रमण को जायज़ ठहराना मंदिर की प्रॉपर्टी के साथ छेड़छाड़ जैसा है और इस तरह का कोई भी कार्य जिसमें मंदिर की जरूरत के अलावा उसमें किसी तरह की तोड़फोड़ की जाए तो यह हिन्दू भावनाओं को भड़काने जैसा होगा।"
“इस तरह का निर्णय स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला धब्बा है। ऐसी स्थिति में हम संबंधित न्यायाधीशों से किसी भी बेहतर फैसले की उम्मीद नहीं कर सकते, बल्कि आगे और नुकसान होने की संभावना है। इसलिए कार्य समिति का मानना है कि समीक्षा याचिका दायर करना लाभदायक नहीं होगा।”
न्याय तलाशते वामपंथी बहुत पीछे जाते हैं तो 1528 में पहुँचते हैं जहाँ रहमदिल, आलमपनाह बाबर, जिसके माता और पिता पक्ष पर करोड़ों हत्याओं का रक्त है, कंधे पर पत्थर उठा कर एक जंगल-झाड़ में, छेनी-हथौड़ा से कूटते हुए मस्जिद बनाता दिखता है।
पहले मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद के लिए 5 एकड़ राम जन्मभूमि के 67 एकड़ जमीन के भीतर चाहिए था, मगर अब उनकी ये माँग हिंदुओं को वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने पर स्थानांतरित हो गई है।
रामलला की पैरवी करने वाले वकीलों के दल का कारेसवकपुरम में वकीलों का अभिनंदन किया जाएगा। इस दल में सीनियर एडवोकेट के. परासरण और उनके परिवार के करीब 2 दर्जन सदस्य भी होंगे।
सीताराम येचुरी ने कहा है कि मस्जिद में मूर्तियों की स्थापना गंभीर रूप से कानून का उल्लंघन है। बावजूद इसके जमीन कानून तोड़ने वालों को दे दी गई। साथ ही एएसआई भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात साबित नहीं कर पाई।