“कैफू भैया इंडिया में सिर्फ कुछ तबक़ों ने माहौल बिगाड़ दिया है वरना इंडिया जैसे हिंदू बहुसंख्यक देश में कैफ और जहीर खान जैसे क्रिकेटर हीरो के श्रेणी में आते हैं और शाहरुख, सलमान और आमिर खान सुपरस्टार हैं। ये एक पूरे हिंदुस्तानी का प्यार है। बाकी आपका मैसेज बहुत ही अच्छा है।”
Stan (अगर H को साइलेंट कर दें तो, जो कि टेलिग्राफ के संपादक की मंशा भी थी, तभी उसने इसे ब्रेक करके हेडलाइन बनाई) का अर्थ शैतान होता है। खैर... शायद इन्हें नहीं पता लेकिन ये हेडलाइन बनाते-बनाते खुद हेडलाइन बन जाएँगे, JNU से गायब होते वामपंथियों की तरह।
अब तक राम मंदिर मामले को ही सबसे बड़ा माना जा रहा था, लेकिन इस पर फ़ैसला सुना दिए जाने के बाद अब सबकी निगाहें सबरीमाला मामले पर टिक गई है। धर्म और आस्था से जुड़ा यह मामला भी CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता में उनके रिटायरमेंट से पहले...
योगेश्वरन पिछले 9 साल से अयोध्या मामले पर काम कर रहे थे। इस मामले पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें अदालत के सभी अन्य कामों को छोड़ना पड़ा। वकील आकृति चौबे को तो ब्वॉयफ्रेंड के साथ सगाई करनी थी, लेकिन...
"मेरी राय है कि मामले को ज्यादा बढ़ाना उचित नहीं है। पुनर्विचार के लिए उच्चतम न्यायालय में जाना बेहतर नहीं है। मुस्लिम समुदाय पहले से कहता रहा है कि वह फ़ैसले का सम्मान करेगा और लोग इससे सहमत हैं।"
इस ऐतिहासिक क्षण के एक दिन पहले कल ही अपना 93वाँ जन्मदिन मनाने वाले आडवाणी, जिन्होंने अपना कैरियर फिल्म समीक्षा पत्रकार के रूप में शुरू किया था, ने अंग्रेजी में एक बयान जारी कर फैसले से संतोष जाहिर किया है। साथ ही कहा है कि अंततः उनका स्टैंड सही साबित हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्य सभा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल को भारत रत्न दिए जाने की माँग की है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए तुरंत घोषणा की भी माँग की है। उनकी यह माँग राम जन्मभूमि आंदोलन की दशकों की माँग पर आज सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति की मुहर के आलोक में आई है।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए यूपी के सीएम ने कई ट्वीट किए। इनमें अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए लोगों शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की।
“जिस तरह से हिन्दू भाई हमारे फंक्शन रमजान में, बकरीद में हमारा साथ देते हैं, उसी तरह से फैसला के आने के बाद हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएँ और जहाँ तक हमारे सोने की ईंट की बात थी, वो हम देंगे।”
सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है।
इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी।