प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ जहाँ देश भर के जरूरतमंद लोगों ने उठाया। वहीं दिल्ली सरकार ने इसे अब तक राज्य में लागू नहीं होने दिया। ये खुलासा RTI से हुआ।
यह स्टडी जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी में प्रकाशित हुई थी। इसका शीर्षक 'कोविड-19 महामारी में हर्बल इम्यून बूस्टर-इंड्यूस्ड लीवर इंजरी- एक केस सीरीज' था।
"जब मैंने अपने चाचा को अस्पताल में भर्ती कराया और कार्ड दिखाया तो अस्पताल के लोगों ने कहा कि यह राहुल गाँधी का अस्पताल है और यहाँ मोदी और योगी का कार्ड नहीं चलता है। हमने कार्ड पर दिए हेल्पलाइन नंबर से भी शिकायत की लेकिन, मदद नहीं मिली और इलाज न हो पाने के कारण मेरे चाचा की मौत हो गई।"
इसके अलावा दो अन्य मरीज, शोएब और अमृता देवी के साथ भी पूर्व में ऐसा हो चुका है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा जवाब तलब करने पर अस्पताल ने ग़लती स्वीकार की।
हालिया संशोधनों के बाद आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के सभी बड़े विशेषज्ञ चिकित्सकों को इससे जोड़ा जा रहा है। ताकि देश का कोई भी गरीब, वंचित वर्ग बीमारी की लाचारी में अपने जमीन और जीवन भर की कमाई से वंचित न हो।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी जल्द ही देश के बड़े कैंसर विशेषज्ञों से सलाह ले पाएँगे। देश भर के कैंसर विशेषज्ञों को ग्रिड से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। कैंसर विशेषज्ञों के ग्रिड से जुड़ने के बाद मरीज बड़े विशेषज्ञों के नेटवर्क से डिजिटल माध्यम से जुड़ जाएँगे।