Wednesday, March 12, 2025
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आयुष्मान घोटाला: हिमाचल प्रदेश में फर्जी मरीजों को ठीक कर अस्पताल ले रहे थे सरकार से पैसा, कॉन्ग्रेस MLA पर कसा शिकंजा, 19 जगहों पर ED की रेड

जिन RS बाली के ठिकानों पर इस मामले में छापे पड़े हैं, वह हिमाचल कॉन्ग्रेस के बड़े नेता हैं। कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल चलाने वाली कम्पनी हिमाचल हेल्थकेयर लिमिटेड बाली की है। इस अस्पताल पर भी गड़बड़ी करने के आरोप हैं।

फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी करके सरकार को चूना लगाने वाले अस्पतालों और उनसे जुड़े लोगों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) छापेमारी कर रहा है। ED ने इस संबंध में 19 जगहों पर छापेमारी की है। हिमाचल प्रदेश में कॉन्ग्रेस के विधायक RS बाली के ठिकानों पर भी ED ने छापा मारा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ED की यह छापेमारी पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में बुधवार (31 जुलाई, 2024) को सुबह से चालू हुई। यह छापेमारी फोर्टिस अस्पताल, बांकेबिहारी अस्पताल, श्रीबालाजी अस्पताल और कई अन्य पर हुई है।

जिन RS बाली के ठिकानों पर इस मामले में छापे पड़े हैं, वह हिमाचल कॉन्ग्रेस के बड़े नेता हैं। कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल चलाने वाली कम्पनी हिमाचल हेल्थकेयर लिमिटेड बाली की है। इस अस्पताल पर भी गड़बड़ी करने के आरोप हैं।

बाली हिमाचल प्रदेश CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं। बाली हिमाचल प्रदेश में अति महत्वपूर्ण माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश टूरिस्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के भी मुखिया हैं। RS बाली के पिता GS बाली भी कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओ में थे। बाली के अलावा कॉन्ग्रेस नेता डॉक्टर राजेश शर्मा पर भी छापेमारी हुई है।

जाँच एजेंसी के अधिकारियों ने मीडिया को बताया है कि इन अस्पतालों ने फर्जी आयुष्मान कार्ड के आधार पर फर्जी मरीजों का इलाज कर दिया। इन मरीजों का लंबा इलाज और सर्जरी दिखाया गया। जाँच में 373 मामले सामने आए हैं। इसे कारण 40.68 लाख का नुकसान सरकार को पहुँचा।

इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 8,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड रद्द कर दिए थे। इस पूरे फर्जीवाड़े का आकार ₹25 करोड़ होने की आशंका है। यह फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से बाहर कर दिया गया था। इस मामले में सबसे पहले ऊना में शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद इसकी जाँच ED ने अपने हाथों में ले ली थी।

गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार प्रत्येक परिवार को ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा देती है। इसमें योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है, इसका भुगतान सरकार देती है। हालाँकि, कई जगह इस योजना में फर्जी बिल बनाकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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