रौनाही में मिली जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए आज ट्रस्ट का गठन कर लिया गया है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड संस्थापक ट्रस्टी बना है और इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे।
इस क़ानून के तहत, जो धार्मिक स्थल आज़ादी के समय जिस संप्रदाय का था वो आज और भविष्य में, भी उसी का रहेगा। जैसे किसी भी मस्जिद को मंदिर में नहीं बदला जा सकता है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इकबाल अंसारी ही मुख्य याचिकाकर्ता है और उन्होंने कहा है कि वो इस मामले में अब लम्बी सुनवाई नहीं चाहता है। जल्द 'न्याय' मिले।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि किस तरह से ISI द्वारा मुंबई के डॉन से मिलकर देश में हथियारों, गोला-बारूद और धन के वितरण के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया। इसका सिर्फ एक मकसद था भारत की अखंडता और स्थिरता पर प्रहार।
"बाबरी मस्जिद के मलबे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। ऐसे में मलबे के हटाने के समय उसका अनादर किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि हम तीन शताब्दी से इस मस्जिद में नमाज पढ़ते आ रहे थे, इसलिए इसके मलबे पर हम अपने हक के लिए याचिका दायर करेंगे।"