Wednesday, April 17, 2024
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‘बाबरी मस्जिद का मलबा हमें दिया जाए’ – नई माँग पर हिंदू पक्ष ने कहा – ‘भाईचारे के लिए ले लीजिए’

राम जन्म गर्भगृह में जो बाबरी मस्जिद का मलबा है, वो पाक है। इसलिए मुस्लिम समाज उसे वापस लेकर अपने तरीके से खर्च करेगा या उसे नष्ट करेगा। शरीयत के मुताबिक किसी भी मस्जिद की सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती है।

राम जन्मभूमि मामले पर मुस्लिम पक्ष कानूनी लड़ाई हार चुकी है। लेकिन अब वो एक नई माँग के साथ याचिका दायर करने वाले हैं। बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी को बाबरी मस्जिद का मलबा और उससे जुड़े हुए तमाम सामान चाहिए। इस संबंध में वो सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर करेंगे।

लखनऊ में बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी की एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग में ही जॉइंट सेक्रेटरी हाजी महबूब ने बाबरी मस्जिद से जुड़े मलबे व अन्य सामानों को पाक बताते हुए वापस लेने की माँग की। इस संबंध में एक अलग याचिका दायर करने का निर्णय इसी के बाद लिया गया।

हाजी महबूब के अनुसार राम जन्म गर्भगृह में जो बाबरी मस्जिद का मलबा है, वो पाक है। इसलिए मुस्लिम समाज उसे वापस लेकर अपने तरीके से खर्च करेगा या उसे नष्ट करेगा। उन्होंने बताया कि शरीयत के मुताबिक किसी भी मस्जिद की सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती है। साथ ही मस्जिद की मिट्टी हो या मलबा, इसका अनादर नहीं किया जा सकता है।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी की मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि बाबरी मस्जिद के मलबे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। ऐसे में मलबे के हटाने के समय उसका अनादर किया जा सकता है। इससे बचने के लिए नई याचिका दायर करनी जरूरी है।

ऑल इंडिया मिलि काउंसिल (All-India Milli Council) के जेनरल सेक्रटरी खालिक अहमद खान ने इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि हम तीन शताब्दी से इस मस्जिद में नमाज पढ़ते आ रहे थे, इसलिए इसके मलवे पर हम अपने हक के लिए याचिका दायर करेंगे।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस मलवे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए 5 एकड़ जमीन पर ले जाएँगे तो उन्होंने जमीन लेने से ही मना करते हुए कहा, “हम सरकार से जमीन नहीं लेंगे। जमीन का बंदोबस्त कैसे करना है, यह हम ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में फैसला लेंगे।”

मुस्लिम पक्ष के मलवे संबंधी याचिका को लेकर रामलला विराजमान के पक्षकार त्रिलोकी नाथ पांडे ने कहा, “मुस्लिम समाज मलबा ले जा सकता है, हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। यह हमारी ओर से भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक होगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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