पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।
शिवसेना की जब भी बात होती है, बाल ठाकरे चर्चा में आ ही जाते हैं। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद भी उन मौकों पर बात हो रही है जब पार्टी को टूटने से बाल ठाकरे भी नहीं बचा पाए।