केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में इसे काफी महत्वपूर्ण कदम बताया है। दोनों देशों के बीच का यह आदान-प्रदान AEOI के तहत होगा। इससे बड़ी-बड़ी 'मछलियों' की काली कमाई का खुलासा होने की उम्मीद है।
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाहर भेजा गया धन पैदा होने वाले काले धन का महज़ 10% है। समिति ने यह भी कहा कि उपरोक्त अनुमान भी महज़ अनुमान हैं, क्योंकि ऐसी किसी गणना को करने के किसी भी तरीके पर आम सहमति नहीं है।
सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने अपने पिता को लेकर कहा कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है, ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ ने अपने लेख में डोभाल परिवार को 'डी कम्पनी' कहा था।
दीपक तलवार को भारतीय कम्पनी को नुकसान पहुँचाने के लिए ₹272 करोड़ रुपए मिले थे। उसके ख़िलाफ़ ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग जाँच कर रहा है। जाँच एजेंसी ने कहा कि उसके पास प्रफुल्ल पटेल और दीपक तलवार के बीच ईमेल से हुई बातचीत के सबूत हैं।
करीब दस साल पहले फलों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद इकबाल अब अरबों की संपत्ति के मालिक हैं। इनकी सहारनपुर में सैंकड़ों एकड़ में फैली ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस वजह से उनके सबूतों के साथ गड़बड़ी करने और जाँच में रुकावट डालने की आशंका है।
चंदामामा मैग्जीन को ख़रीदने वाली यह कंपनी विभिन्न नियमों की अनदेखी के आरोप में पहले भी सेबी (Securities and Exchange Board of India) की कार्रवाई का सामना कर चुकी है।
लंदन वाले मामले में पूछताछ खत्म नहीं हुई थी कि बीकानेर वाले मामले की भी फाइलें ईडी ने खोल दी। ऐसे में हर तरफ से खुद को फँसा हुआ महसूस करते हुए रॉबर्ट ने बुधवार (मार्च 6, 2019) को एएनआई से कहा कि वह (रॉबर्ट) तो इस देश में हैं, लेकिन उनका क्या जो देश को लूट कर भाग गए?
वाड्रा ख़ुद ऐसा काम कर रहे हैं जिससे वो एक दयावान के रूप में ख़ुद को सामने रख सकें और इसके लिए वो नेत्रहीन और ग़रीब लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं।