एक चतुर लेकिन बौखल वकील बुढ़ापे में यह भूल गया कि किस तरफ़ से बहस करने की फीस मिली है, और जाकर अपने ही मुवक्किल को कातिल साबित करने वाली दलीलें दे आया। तृणमूल के सांसद और हम सबके बचपन के 'बॉर्नवीटा क्विज़ मास्टर' डेरेक ओ'ब्रायन यही मूर्खता आज राज्य सभा में कर आए हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले टू नेशन थ्योरी वीर सावरकर ने दी थी। इसके बाद सिब्बल ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग भी) कहा कि...
राज्यसभा में अगर नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB, कैब) पास हो जाता है, तो बांग्लादेश से आए 5 लाख से ज्यादा बंगाली हिंदू, जिन्हें एनआरसी की अंतिम सूची में जगह नहीं मिल पाई थी, उन्हें नागरिकता मिल जाएगी।
नागरिकता संशोधन विधेयक का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विरोध शुरू। खुद को 'छात्र' कहने वाले उन्मादियों के समूह ने कैंपस में सभा की, जिसमें CAB को मुस्लिम विरोधी करार दिया गया। इसके बाद छात्रों ने नागरिकता संशोधन विधेयक की प्रतियाँ जलाईं और ‘हिंदुत्व मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए।
1. प्रवासियों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। 2. जिन औरतों का अपहरण किया गया, उन्हें वापस परिवार के पास भेजा जाएगा। 3. अल्पसंख्यकों की कब्जाई गई संपत्ति लौटाई जाएगी। 4. जबरदस्ती धर्म परिवर्तन अवैध होगा। 5. अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुप्रचार नहीं।
शिवसेना का एक नेता राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के साथ होने की बात करता है। 10 मिनट के बाद कॉन्ग्रेस के 'वरिष्ठ नेता' राहुल गाँधी इस बिल के हर समर्थक को देश तोड़ने वाला बताते हैं। इसके 10 मिनट के बाद शिवसेना का सबसे बड़ा नेता मतलब उद्धव ठाकरे पलटी मारते हुए कहते हैं कि चीज़ें स्पष्ट नहीं, इसलिए...
नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किए जाने से पहले, उस दौरान और अब आधी रात को वहाँ से पास होने के बाद से लेकर अब तक आम जनता के मन में इस विधेयक को लेकर जबरन भ्रम फैलाया जा रहा है। यह काम कर रहे हैं कुछ वामपंथी पत्रकार, कुछ मीडिया गिरोह और उनके चेले-चपाड़े।
"अगर नागरिकता संशोधन विधेयक पास होता है तो यह मेरा सविनय अवज्ञा होगा कि मैं खुद को आधिकारिक रूप से मुस्लिम पंजीकृत करवा लूँगा और फिर एनआरसी को कोई भी दस्तावेज नहीं दूँगा। अपने लिए किसी अज्ञात जगह पर नजरबंद किए जाने से लेकर नागरिकता वापस लेने जैसी सजा की भी माँग करूँगा।"
"JDU द्वारा कैब को समर्थन देख निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह हमारी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसमें पहले पन्ने पर ही धर्मनिरपेक्ष शब्द तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गाँधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।"
"(भारत में...) धर्म नागरिकता का आधार नहीं है। धर्म भेदभाव का आधार नहीं हो सकता। राज्य धर्म के आधार पर फैसला नहीं ले सकता। नागरिकता संशोधन बिल ने मुस्लिमों को स्पष्ट रूप से बाहर रखा है। इस NRC/CAB प्रोजेक्ट में जिन्ना का पुनर्जन्म हुआ है। हिन्दू पाकिस्तान को मेरा हैलो!"