उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल, पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक। दुर्गा पूजा से लेकर दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन तक - पिछले 2 दिनों में ऐसी 8 घटनाएँ हुई हैं, जहाँ मूर्ति तोड़ने से लेकर उग्र भीड़ ने हिंदुओं को निशाना बनाया है।
कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान जामा मस्जिद के पास कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। साथ ही थानाध्यक्ष ने 12 लोगों को गिरफ़्तार किए जाने की पुष्टि की। सभी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा से निपटने के लिए नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों को इस बारे में खुफिया जानकारियाँ साझा करने के साथ-साथ परामर्श भी जारी करती रहती है।
जब बागपत एसपी से यह पूछा गया कि आखिर इमाम ने बाद में अपनी शिकायत में 'जय श्री राम' वाली बात क्यों जोड़ी, तो उन्होंने कहा कि अपने सहयोगियों के प्रभाव में आने के बाद उसने ऐसा किया। एसपी ने अंदेशा जताया कि उसके मित्रों ने उसे सलाह दी होगी कि जबरन 'जय श्री राम' बुलवाने वाली बात शिकायत में जोड़ देने के बाद मीडिया इस घटना को ज्यादा महत्त्व देगा और इसे फैलाया जाएगा।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पीड़ित पक्ष के ही तीन युवकों को हिरासत में ले लिया। ग्रामीणों ने जब थाना पहुँच कर विरोध प्रदर्शन किया और हिंदूवादी संगठनों ने आवाज़ उठाई, तब जाकर उक्त युवकों को छोड़ा गया।
एसपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि शुरुआती जाँच में पता चला कि पीड़ित और आरोपित एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे। उसी दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ और फिर मारपीट हुई। जय श्री राम के नारे लगवाने के विरोध में पीटने की बात गलत है।
वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारिता के समुदाय विशेष और लिबरल गैंग ने इसे हेट क्राइम के तौर पर खूब भुनाया। लेकिन हकीकत सबसे सामने है। जाँच के बाद पुलिस ने इस मामले में आप्सी मियाँ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। आप्सी ने ही असगर अली को जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया था और वीडियो बनाया था।
अगर आपको तबरेज की हत्या पर समाज में दोष दिखता है, तो आपको विनय की भी हत्या पर विचलित होना पड़ेगा। अगर आपको किसी चोर की भीड़ हत्या पर संवेदनशील होने का मन करता है तो आपको जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर इस्लामी भीड़ द्वारा लिंच किए गए ई-रिक्शा चालक की भी मौत का गम करना चाहिए।
पुलिस ने इस मामले में घटना की जगह की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला और शुरुआती जाँच के बारे में बताते हुए रोहिणी के डीसीपी एस डी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह से बात की, जिसने उन्हें इस घटनाक्रम के पूरे सीक्वेंस को बताया। इससे मोमिन के आरोप साबित नहीं होते हैं।