Tuesday, November 5, 2024
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मोदी राज में कम हुआ साम्प्रदायिक तनाव, आईबी के आँकड़े दे रहे गवाही

2013 में साम्प्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किए गए थे। 2018 में इनकी संख्या घटकर 708 रह गई। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा-साम्प्रदायिक या किसी अन्य प्रकार की हिंसा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति।

‘लिबरल गैंग’ और विपक्ष के तमाम दावों के बीच आँकड़ें बताते हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में साम्प्रदायिक तनाव कम हुआ है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के आँकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2013 में साम्प्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किए गए थे। 2018 में इनकी संख्या घटकर 708 रह गई।

रेड्डी ने कहा, “वास्तविकता यह है कि देश में साम्प्रदायिक घटनाओं में कमी आई है। साम्प्रदायिक या किसी अन्य प्रकार की हिंसा के प्रति हमारी सरकार का इरादा ‘जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने)’ की नीति का पालन करने का है।”

साम्प्रदायिक हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज करने और इन आंकड़ों के स्रोत से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2014 से देश में साम्प्रदायिक घटनाओं का रिकॉर्ड दर्ज करना शुरू किया। लेकिन राज्य सरकारों द्वारा रिकॉर्ड में भिन्नता पर आपत्ति दर्ज कराने के कारण एनसीआरबी ने 2017 में इसका रिकॉर्ड दर्ज करना बंद कर दिया।

साम्प्रदायिक हिंसा रोकने के लिए अलग से कानून बनाने के सवाल पर उन्होंने मौजूदा कानून को पर्याप्त बताते हुए कहा कि साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा से निपटने के लिए नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों को इस बारे में खुफिया जानकारियाँ साझा करने के साथ-साथ परामर्श भी जारी करती रहती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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