देश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण और उससे उपजे डर के कारण मास्क की कालाबाजारी चरम पर है। इस कालाबाजारी के आलम में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों से भी मास्क गायब होने की खबरें आनी शुरू हो गईं हैं। वाकया जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल का है, जहाँ से तकरीबन ढाई लाख से ज्यादा मास्क गायब हो गए हैं।
इस पूरे खेल में कई बैंक अधिकारी भी मिले हुए थे क्योंकि उन्होंने आरोपित द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की पुष्टि करने की भी कोशिश नहीं की। अधिकारियों ने लोन ग्रांट करने के लिए नियमों को ताक पर रखा और इसके बाद राथेर ने रुपयों की हेराफेरी की, इसीलिए ये मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है।
पहले यह बंगला गौतम थापर का था। उन्होंने यस बैंक से इसे गिरवी रख लोन लिया। बाद में लोन चुकाने के लिए बंगला बेचने की बात कही। इसके बाद बिंदु के नाम से एक शेल कंपनी बनाई गई जिसने बंगला खरीद लिया।
राणा कपूर की तीन बेटियों की इस घोटाले में संदिग्ध भूमिका मानी जा रही है। लेकिन, एक बेटी ऐसी भी है जिसका मानना है कि उसके पिता होते तो यस बैंक का यह हाल न होता। जानें, शगुन कपूर का क्या है इस बैंक से रिश्ता?
उस पेंटिंग में ऐसा क्या था कि मिलिंद देवड़ा चाहते थे कि 'यस बैंक' के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर उसे प्रियंका गाँधी से 2 करोड़ रुपए में ख़रीदें? उस दौरान मिलिंद, राणा और प्रियंका में क्या-क्या बातचीत हुई, उसकी पूरी डिटेल्स यहाँ देखें। बदले में राणा ने भी एक बड़ी माँग रखी थी।
'लुक आउट नोटिस' को नज़रअंदाज़ कर लंदन भागने की कोशिश करने वाली रौशनी ने ईडी और सीबीआई का शक और गहरा कर दिया कि दाल में ज़रूर कुछ काला है। रौशनी को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया। 'यस बैंक' से लोन दिलाने के एवज में भारी रक़म वसूली जाती थी।
'यस बैंक' के संस्थापक की तीनों बेटियों पर आरोप है कि उनके नाम से कई कम्पनियाँ चलती हैं, जो दूसरी कंपनियों को 'यस बैंक' से लोन दिलाने के एवज में मोटी रकम वसूलती थीं। तलाशी अभियान के बाद मिले दस्तावेजों के आधार पर राणा कपूर के ख़िलाफ़ एक और अलग मामला दर्ज...