Thursday, March 28, 2024
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सब-कलेक्टर आसिफ के युसूफ को नहीं मिलेगा IAS अधिकारी का दर्जा, आरक्षण के लिए दिया था फर्जी दस्तावेज

अर्नाकुलम के कलेक्टर एस सुहास ने आसिफ़ के युसूफ़ के खिलाफ जाँच के आदेश दिए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि आसिफ़ पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण के दायरे में आने के लिए अपने माता-पिता की आय से जुड़े गलत दस्तावेज़ दिए थे।

भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने केरल के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा। मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के मुताबिक़ थालास्सेरी के सब-कलेक्टर आसिफ़ के युसूफ़ को आईएएस अधिकारी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।

अर्नाकुलम के कलेक्टर एस सुहास ने आसिफ़ के युसूफ़ के खिलाफ जाँच के आदेश दिए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि आसिफ़ पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण के दायरे में आने के लिए अपने माता-पिता की आय से जुड़े गलत दस्तावेज़ दिए थे। कलेक्टर सुहास ने पिछले साल नवंबर महीने में जाँच रिपोर्ट केरल के मुख्य सचिव को सौंपी थी।  

कुछ ही समय पहले ही केंद्र सरकार ने इस मामले से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए थे। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 3 साल तक लगातार 6 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले लोग क्रीमी लेयर के दायरे में आएँगे। यानी वह नॉन क्रीमी लेयर श्रेणी के तहत आने वाले आरक्षण लाभ के योग्य नहीं माने जाएँगे।  

आयकर के दस्तावेज़ों के अनुसार आसिफ़ के माता-पिता की पिछले कुछ वर्षों की सालाना आय कुछ इस प्रकार थी: साल 2012-13 में 21,80,963 रुपए; साल 2013-14 में 23,05,100 रुपए और साल 2014-15 में 28,71,375 रुपए।

केंद्र सरकार का यह भी कहना है कि सब-कलेक्टर आसिफ़ के युसूफ़ का जाति और आय प्रमाण पत्र दोनों ही निरस्त किए जाएँ। साथ ही साथ उस पर उचित कार्यवाही भी होनी चाहिए। फर्ज़ी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कन्यान्नूर के तहसीलदार पर भी मामला दर्ज करने की माँग उठ रही है।

आपको बता दें कि नॉन क्रीमी लेयर श्रेणी का प्रमाण पत्र का लाभ संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में नहीं मिलता है। लेकिन इस प्रमाण पत्र से प्रोन्नति में ज़रूर मदद मिलती है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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