एक सर्च ऑपरेशन के दौरान CRPF की 45वीं बटालियन पर आतंकियों ने गोली चलाई थी। बकौल चेतन चीता, उनके पास बच कर निकलने का मौका था, लेकिन उन्होंने गोलियों का सामना करना उचित समझा।
पैरा मिलिट्री फोर्स की कंपनियों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाएगा। इस संबंध में सीएपीएफ के नोडल अधिकारी जल्द ही राज्य सरकार के साथ चर्चा शुरू करेंगे।
सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से एक फर्जी नैरेटिव रचने का प्रयास किया जा रहा है कि बशीर अहमद की मृत्यु CRPF की गोली लगने से हुई।
इम्तियाज हुसैन ने एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए बताया है लोगों ने उनके परिवार को यह कहने के लिए मजबूर किया था कि उनकी चचेरी बहन BSF द्वारा मारी गई थी, ना की आतंकियों के हमले से।