जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के कुछ प्रावधानों को निष्क्रीय करने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद से घाटी में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वहाँ के स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था।
एकजुट जम्मू नामक संगठन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसके मुताबिक जम्मू में सुनियोजित तरीके से लैंड जिहाद को अंजाम दिया गया और अपने ही इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए। फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद की छत्रछाया में इसे अंजाम दिया गया।
पहली बार विलय दिवस पर सरकारी छुट्टी होगी। भारतीय जनता पार्टी, पैंथर्स पार्टी समेत कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन बरसों से विलय दिवस पर अवकाश की माँग कर रहे थे।
कश्मीर में यह पहला मौका है जब इस एक्ट के तहत मुख्य धारा के नेताओं को गिरफ्तार किया गया। आमतौर पर इस एक्ट का इस्तेमाल आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों के लिए किया जाता रहा है।
"वहाँ हालात सामान्य है। मैं कॉन्ग्रेस की स्थिति को सामान्य नहीं बना सकता, क्योंकि उसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद खून-खराबे की भविष्यवाणी की थी। मगर उस तरह का कुछ नहीं हुआ, एक गोली नहीं चली।"
कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पत्र ट्वीट कर अब्दुल्ला का दर्द सामने रखा है। साथ ही कहा है कि उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने थरूर और अब्दुल्ला को जमकर सुनाई है।
सुरैया और साफिया के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में शामिल महिलाएँ जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बाँटने का विरोध कर रही थीं। फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला पहले से ही हिरासत में हैं।
CJI रंजन गोगोई ने पीठ का नेतृत्व करते हुए कहा कि 16 सितंबर को जम्मू कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अब्दुल्ला के खिलाफ हिरासत का आदेश जारी होने के बाद इस याचिका पर विचार करने लायक कुछ भी नहीं बचा है।
फारुक अब्दुल्ला पर आरोप है कि वो अपने भाषणों के ज़रिए अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों का महिमा मंडन कर रहे थे। इसके अलावा उन पर आरोप है कि वो अनुच्छेद-370 और 35-A के नाम पर लोगों को देश के ख़िलाफ़ भड़का...
जब इलाके में कश्मीरियत का बोलबाला हुआ तबसे ये एक्ट अलगाववादी, आतंकी, दहशतगर्द जेहादी, कश्मीरियत दिखाने वाले सभी पर लगने लगा। हिजबुल मुजाहिद्दीन के बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इसी कानून से पाँच सौ से ज्यादा अलगाववादी कैद किए गए थे।