Saturday, April 19, 2025
Homeराजनीतिफारूक अब्दुल्ला को सुप्रीम झटका: हिरासत के खिलाफ याचिका खारिज, जज ने कहा- इसमें...

फारूक अब्दुल्ला को सुप्रीम झटका: हिरासत के खिलाफ याचिका खारिज, जज ने कहा- इसमें विचार करने को कुछ भी नहीं

370 को निरस्त किए जाने के बाद एमडीएमके चीफ वाइको समेत कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था। जिसमें फारूक अब्‍दुल्‍ला को पेश करने की बात कही गई थी।

जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारूक अब्‍दुल्‍ला को सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (सितंबर 30, 2019) को एमडीएमके नेता वाइको द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा करने की माँग की गई थी।

CJI रंजन गोगोई ने पीठ का नेतृत्व करते हुए कहा कि 16 सितंबर को जम्मू कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अब्दुल्ला के खिलाफ हिरासत का आदेश जारी होने के बाद इस याचिका पर विचार करने लायक कुछ भी नहीं बचा है। इसका कोई मतलब नहीं बनता है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला को घर में ही नजरबंद कर लिया गया था। इसके बाद 16 सितंबर की रात उनके खिलाफ हिरासत का आदेश जारी किया गया था।

बता दें कि जम्म्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद एमडीएमके चीफ वाइको समेत कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था। जिसमें फारूक अब्‍दुल्‍ला को पेश करने की बात कही गई थी। वाइको ने अपनी याचिका में कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उन्हें जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हाउस अरेस्ट में रखा गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बलात्कारियों से सहानुभूति और रेप पीड़िताओं को दोषी ठहराने की प्रवृत्ति: भारत की अदालतें खोज रहीं नए-नए तरीके, अपराधियों की जमानत के कई खतरे

न्यायपालिका जब पीड़ितों को उनके मित्रों से मिलने या 'पर्याप्त' प्रतिरोध नहीं करने के लिए दोषी ठहराती हैं तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।

‘इस बर्बर घटना से हम व्यथित, खुलेआम घूम रहे अपराधी’: भारत ने हिंदू नेता की हत्या पर बांग्लादेश को फटकारा, कहा – ये चिंताजनक...

"यह घटना एक बड़े और चिंताजनक पैटर्न का हिस्सा है, जहाँ मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।"
- विज्ञापन -