जिला कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि भंडारे के प्रसाद की व्यवस्था बाहरी श्रद्धालुओं के लिए है। इसका लाभ स्थानीय लोग लेने लगे थे। इससे व्यवस्था बिगड़ रही थी। इसलिए उन्होंने आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया।
बहरीन का यह मंदिर भारतीयों सहित विदेशियों के भी आकर्षण का केंद्र है। मंदिर की कलाकृति काफी प्रसिद्ध है। पुनर्निर्माण के बादइस मंदिर में 80 फीसदी हिस्से में श्रद्धालु घूम सकेंगे और भगवान कृष्ण की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन कर सकेंगे।
शिवाला तेजा सिंह मंदिर में गुरुवार को हिंदू परंपरा के मुताबिक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दुओं की माँग को देखते हुए पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने इस मंदिर को खोलने का फैसला किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे समुदाय के लोग उन्हें न तो पूजा करने देते हैं और न ही मंदिर का निर्माण करने दे रहे हैं। विरोध करने पर समुदाय के लोग लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से उन पर हमला कर देते हैं।
कल (22 जुलाई 2019) जब जगन्नाथ पुरी के एक पुजारी की तस्वीरें इन्टरनेट पर नजर आने लगीं तो कुछ तथाकथित हिन्दुओं की मासूम, अहिंसक, गाँधीवादी, सेक्युलर भावना बड़ी बुरी तरह आहत हो गईं।
दिल्ली के चांदनी चौक में मंदिर तोड़-फोड़ अपने-आप में अनोखी घटना हुई हो, ऐसा नहीं है। मंदिरों को तोड़ने, उत्पात मचाने और हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने की घटनाएँ हर सप्ताह घटित होती हैं। हालाँकि वामी मीडिया इसे अपने प्रोपेगेंडा के कारण दबा देती है। इसलिए जून 2019 से लेकर अब तक की 10 ऐसी घटनाएँ आपके लिए...
प्रदर्शनकारियों ने हरे झंडे बैनर के साथ मंदिर निर्माण का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पर बैनर पर साफ-साफ लिखा है कि अगर उन्होंने मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया तो वो जिहाद को अंजाम देने के लिए तैयार हैं।
“यह नजरिए का मामला है। मैं नहीं जानता कि मंदिरों का प्रबंधन सरकारी अधिकारियों को क्यों करना चाहिए? तमिलनाडु में मूर्तियों की चोरियाँ हो रही हैं। धार्मिक भावनाओं के अलावा ये मूर्तियाँ अनमोल हैं।”
लड़की ने मंत्री एमबी पाटिल से कहा, "हमलोग यहाँ पर लगभग एक घंटे से खड़े हैं। आप भले ही मंत्री हैं, लेकिन आपको भी कतार में खड़े होना चाहिए। आपको इस तरह से मंदिर के स्पेशल ट्रीटमेंट की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।"
पौराणिक मान्यता है कि माता सती की मृत्यु होने पर जब शिव रोए थे तो उनके अश्रुओं से एक नदी बन गई थी। इस नदी से दो सरोवर बने। एक तो भारत के पुष्कर में है और दूसरी पाकिस्तान के कटासराज में।