वैष्णव समाज में रामानुज की परंपरा में ही संत रामानंदाचार्य हुए, जिन्होंने विशिष्टाद्वैत सिद्धांत को आगे बढ़ाया। अहं का त्याग और समर्पण - रामानंदी भक्ति धारा इन्हीं पर आधारित है। रामलला एक बालक हैं, इसीलिए संरक्षक बन कर पुजारी पूजा करेंगे।
'चंद्रयान 3' की सफलता और सफल 'गगनयान' ट्रायल के बाद विजयादशमी पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने ईश्वर के साथ अपने एक ख़ास कनेक्शन की बात करते हुए कहा कि उनके हमेशा मंदिर आने का कारण यही है।