अल्लूरी सीताराम राजू को पकड़ने के लिए अंग्रेजों ने पैसा पानी की तरह बहाया। वो माँ काली की उपासना करते थे। क्रांति का ज्ञान उन्हें तीर्थाटन के दौरान मिला। वो धर्मांतरण कराने वाले मिशनरियों के खिलाफ थे।
10,000 गाड़ियाँ फूँकी, ₹1794 करोड़ का नुकसान हुआ, 307 इमारतों को जला दिया गया, लेकिन मीडिया ने कहा कि ये तो बेरोजगारी और नस्लवाद के खिलाफ था। फिर फ्रांस के PM को मौलानाओं से क्यों मिलना पड़ा था?
दुर्रानी साम्राज्य की ईंट से ईंट बजाकर मराठाओं ने उन्हें अफगानिस्तान खदेड़ा था। पेशावर का यह युद्ध 8 मई 1758 में लड़ा गया था जिसमें मराठा विजयी हुए थे।