टी यूबी भी बयोर पर्वत के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं और इन जंगलों में अक्सर शिकार करते रहने के कारण उन्हें इसकी दुर्गमता के पूरा अनुभव है। 40 वर्षीय यूबी को स्थानीय अधिकारियों ने 15 किलो चावल और कई अन्य चीजें देकर इस विमान का पता लगाने को कहा।
फ्लाइंग ऑफ़िसर नवीन कुमार रेड्डी को वायु सेना अकादमी के इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर मिला। आपको बता दें कि यह सम्मान उस कैडेट को दिया जाता है जिसने पूरी ट्रेनिंग के दौरान हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो।
वायुसेना ने वीरगति को प्राप्त सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि दी है। इस विमान में जीएम चार्ल्स, एच विनोद, आर थापा, ए तंवर, एस मोहंती, एमके गर्ग, केके मिश्रा, अनूप कुमार, शेरिन, एसके सिंह, पंकज, पुताली और राजेश कुमार सवार थे। ऑपइंडिया की ओर से सभी जवानों को श्रद्धांजलि!
ओवैसी ने वायु सेना के इस घोषणा पर कहा कि मोदी से पूछ लेते क्योंकि उनको तो रडार की बहुत जानकारी है, और वो तो दुश्मनों के इलाके तक में जहाज़ भेज कर एयर स्ट्राइक करते हैं। वायु सेना को तो मोदी को फोन कर लेना चाहिए था, उनके पाँच लाख बच जाते।
एंकर पूछता है कि कहीं इस विमान का गायब होना किसी पड़ोसी ग्रह की साजिश तो नहीं। "क्या एलियन इंसानों के साथ लुका-छिपी खेल रहे हैं? अगर विमान (AN-32) इसी दुनिया में है तो उसका कोई अता-पता क्यों नहीं?"
आँखों के सामने पति को खो देने के एहसास ने दिल और दिमाग पर जो गहरा असर छोड़ा होगा वो संध्या के लिए किसी सदमें से कम तो बिल्कुल नहीं होगा। वहीं दूसरी तरफ़ आशीष की माँ की निगाहें बेटे की घर वापसी की आस लगाए बैठी थीं, जो अब कुछ बोलने की स्थिति में नहीं। एक माँ का इस क़दर चुप हो जाना उनके अपार दु:ख को प्रकट करने के लिए काफ़ी है।
3 जून 2019 को दोपहर को गायब हुए वायुसेना के मालवाहक विमान एंटोनोव-32 (AN-32) का मलबा नज़र आया है। मलबा अरुणाचल प्रदेश के पायम इलाके के पास देखा गया है। लेकिन विमान में सवार चालक दल के 8 लोग और 5 सवार यात्री अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान एंटोनोव (एएन)-32 लापता हो गया है। तीन घंटे से इसका कोई पता नहीं चल रहा है। यह विमान असम के जोरहाट सैन्य हवाई अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के चीनी सीमा के पास स्थित मेचुका घाटी के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए निकला था। विमान में चालक दल के...
IAF के लिए यह देश की पहली ऑल-वुमन क्रू है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट भारद्वाज एमआई-17 V5 उड़ाने वाली पहिला महिला पायलट भी हैं। फ्लाइंग ऑफिसर निधि झारखंड से भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट हैं। चंडीगढ़ की फ्लाइट लेफ्टिनेंट जायसवाल भारतीय वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।