कुछ दिनों पहले जब इस पर आपत्ति आई थी, तभी तमाम पुस्तकों को बाजारों से वापस उठवा लिया गया था और उक्त कंटेंट को हटा दिया गया था। माफ़ी भी माँगी गई थी। फिर भी हमला हुआ।
आतंकवादी संगठन द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक़ उन्होंने ‘हिन्दू युवा’ पर इसलिए हमला किया क्योंकि इन्हें ‘बाहरी’ मानते हैं। इस तरह के तमाम ‘बाहरी’ लोग डोमिसाइल के ज़रिए कश्मीर में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं।
घटना फ्रांस के बेलफोर्ट स्थित उत्तर पूर्वी शहर में हुई, जहाँ 20 साल के मुस्लिम युवक को सिर्फ इसलिए अपनी कौम की हिंसा का शिकार होना पड़ा क्योंकि वह एक क्रिसमस पार्टी में शामिल हुआ था।
30 वर्षीय डेनियल होर्टन ने यह बात स्वीकार की थी कि उसने 70 वर्षीय इमाम राफ़त मगलड पर चाकू से हमला किया था। यह घटना रीजेंट पार्क स्थित लंदन सेन्ट्रल मस्जिद में अंजाम दी गई थी।