Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाजमोहम्मद शारिक और मुनीर अहमद के सऊदी अरब के आतंकियों से लिंक: मंगलुरु की...

मोहम्मद शारिक और मुनीर अहमद के सऊदी अरब के आतंकियों से लिंक: मंगलुरु की दीवारों पर लिखा था- लश्कर जिंदाबाद

मंगलुरु में पुलिस चौकी की दीवार पर एक ग्राफिटी देखी गई थी। इसमें लिखा था, “गुस्ताख़-ए-रसूल की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा।” इसके अलावा एक अपार्टमेंट की दीवार पर लिखा गया था, “हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जाए कि हमें संघियों और मनुवादियों का सामना करने के लिए लश्कर-ए-तैय्यबा और तालिबान की मदद लेनी पड़े।”

मंगलुरु ग्राफिटी मामले में पुलिस ने गुरुवार (17 दिसंबर, 2020) को एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि मामले के आरोपितों के सऊदी अरब के आतंकवादियों से संपर्क थे। पब्लिक टीवी रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि आरोपित लगातार आतंकियों के साथ संपर्क में थे और उन्होंने शहर में लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे इस्लामी आतंकवादी संगठनों के समर्थन में दीवारों पर ग्राफिटी बनाई थी।

मंगलुरु के पुलिस आयुक्त विकास कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरोपित एक बड़े रैकेट का हिस्सा थे, जिसे सऊदी अरब में बैठे आतंकवादियों द्वारा नियंत्रित किया जाता था। उन्होंने कहा कि अब तक की जाँच में पता चला है कि मजहबी कट्टरता में लिप्त आरोपितों को इस काम के लिए प्रेरित किया गया था। पुलिस अब सऊदी अरब में उन लोगों के आतंकवादी कनेक्शन की पड़ताल कर रही है और इसी संबंध में लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपित मोहम्मद शारिक और मुनीर अहमद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से कई कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के संपर्क में थे। इसके अलावा दोनों एक ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें इस तरह के अपराधों की योजना पर चर्चा की गई थी। पुलिस ने ग्रुप से जुड़े बाकी सदस्यों का भी पता लगाया है, जिनमें से अधिकांश भारत के हैं। पुलिस इनकी डिटेल खँगालने में जुटी है।

जाँच में पता चला है कि आरोपित इन व्हाट्सएप ग्रुपों में जानकारी इकठ्ठा करने के लिए जुड़े थे। वहीं इंवेस्टिगेटिंग टीम से मोहम्मद शारिक के रिश्तेदारों में से एक सआदत ने मामले के संबंध में एक अहम जानकारी का खुलासा किया है।

कथित तौर पर, आरोपित इस्लामी साहित्य पढ़ते थे। जिसके चलते उन्हें इस तरह के काम को करने के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस ने उनके घरों से कई किताबें बरामद की, जिससे उनको उकसाया जाता था। जाँच में यह भी पता चला कि शहर में इस तरह के घृणा से भरे ग्राफिटी को बनाने में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के स्लीपर सेल का हाथ था।

इस बीच मंगलवार (15 दिसंबर, 2020) को मामले के तीसरे आरोपित सआदत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही यह बात भी सामने आई है कि शारिक कथित रूप से इन कट्टरपंथी इस्लामी गतिविधियों फंडिंग करता था और उसके साथी उसे आतंकवादी’ के रूप में संदर्भित करते थे।

वहीं अन्य दो आरोपित मोहम्मद शारिक और मुनीर अहमद को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा क्योंकि उनकी पुलिस हिरासत की अवधि उसी दिन समाप्त हो जाएगी। गौरतलब है कि मंगलुरु में 28 नवंबर को पुलिस चौकी की दीवार पर एक ग्राफिटी देखी गई थी। इसमें लिखा था, “गुस्ताख़-ए-रसूल की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा।”

इसके अलावा इससे पहले एक अपार्टमेंट की दीवार पर लिखा गया था, “हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जाए कि हमें संघियों और मनुवादियों का सामना करने के लिए लश्कर-ए-तैय्यबा और तालिबान की मदद लेनी पड़े।” आगे लश्कर के समर्थन में लिखा था, “‘लश्कर जिंदाबाद।”

ऑपइंडिया ने इस संबंध में पुलिस से बात की थी। पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा था कि पहली ग्राफिटी मंगलुरु के सर्किट रोड स्थित अपार्टमेंट पर बनाई गई। इसके बाद कदरी पुलिस थाने ने इस प्रकरण के संबंध में मामला दर्ज किया गया था। मंगलुरु पुलिस ने मोहम्मद शारिक और मुनीर अहमद नाम के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने पिछले सप्ताह शहर के विभिन्न हिस्सों में लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे इस्लामी आतंकवादी संगठनों के समर्थन में ग्राफिटी बनाया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

त्रिपुरा में सबसे ज्यादा, लक्षद्वीप में सबसे कम… 102 सीटों पर 11 बजे तक हुई वोटिंग की पूरी डिटेल, जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

लोकसभा चुनाव की पहले चरण की वोटिंग में आज 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हो रहा है। सबसे ज्यादा वोट 11 बजे तक त्रिपुरा में पड़े हैं।

‘वासुकि’ के इतिहास पर विज्ञान की मुहर! गुजरात में वैज्ञानिकों को मिला 4 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, लेकिन सिर गायब: भारत से अफ्रीका पहुँचे...

इन साँपों की लंबाई 36 फ़ीट से लेकर 49.22 फ़ीट होती थी। ये भारत से यूरेशिया के माध्यम से ये उत्तरी अफ्रीका तक पहुँचे। खुदाई में सिर नहीं मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe