IIT कानपुर में हिंदू व देश विरोधी इस प्रदर्शन के दौरान जब एक छात्र रोते हुए कहता है - "ये नहीं चलेगा" तो वहाँ मौजूद दंगाईयों और इस्लामी कट्टरपंथियों ने उसे धक्के देकर बाहर कर दिया। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर...
हम ये मान लें कि 'अल्लाहु अकबर' का मतलब 'गॉड इज ग्रेट' होता है? इतने मासूम तो मत ही बनो। दंगा करते वक्त ये नारा उतना ही साम्प्रदायिक है जितना 'हिन्दुओं से आजादी' और ‘हिन्दुत्व की कब्र खुदेगी' है। राजनैतिक विरोध में 'नारा-ए-तकबीर' और 'ला इलाहा इल्लल्लाह' की जगह कैसे बन जाती है?
लखनऊ में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई। इसमें उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया, उनपर काँच की बोतलें बरसाईं। दंगाईयों की भीड़ शहर के मुख्य इलाकों में घुस गई और जमकर आगजनी व पथराव किया।
हाई कोर्ट ने अदालत परिसर में नारेबाजी के प्रकरण की जाँच के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। समिति गहराई से जाँच के बाद दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर उचित दिशा-निर्देश देगी।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया दंगाइयों को संरक्षण देने संबंधी याचिका ठुकरा दी थी। कोर्ट रूम में उस समय एक अजीब सा माहौल बन गया जब याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने जजों के समक्ष शेम-शेम के नारे लगाए।
उन दंगों के कारण केरल से 1 लाख हिन्दुओं को भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहीं एनी बेसेंट ने इस बारे में अपनी पुस्तक में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि हिन्दुओं का बुरी तरह से कत्लेआम किया गया। जिन्होंने भी इस्लाम अपनाने से इनकार किया, उन्हें या तो मार डाला गया, या फिर उन्हें भाग कर जान बचानी पड़ी।
"जिस तरह जलियॉंवाला बाग में जनरल डायर ने लोगों पर गोली चलवाई थी, अमित शाह भी देश के लोगों पर ऐसे ही गोली चलवा रहे हैं। अमित शाह जनरल डायर से कम नहीं हैं।"
स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का नाम भी एफआईआर में है। सीवाईएसएस के नेता कासिम उस्मानी, AISA के चंदन और एसआईओ के आसिफ तन्हा को भी आरोपी बनाया गया है।
ठाकरे द्वारा जामिया के (हुड़दंगी और हिंसक) छात्रों को रोकने के लिए की गई सीमित पुलिस कार्रवाई की तुलना जलियाँवाला बाग़ हत्याकाण्ड से करने को महाराष्ट्र भाजपा के शीर्ष नेता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। फडणवीस ने कहा है कि इससे ठाकरे ने...
योगेश्वर दत्त ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी व उसके छात्रों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस यूनिवर्सिटी में मजहब के आधार पर आरक्षण दिया जाता है, वही यूनिवर्सिटी अब सेकुलरिज्म के लिए लड़ने का दावा कर रही है। दत्त ने इसे दोहरा रवैया करार दिया।